चक्रासन की फायदे, विधि और नुकसान | Chakrasana Benefits in Hindi

चक्रासन के फायदे और नुकसान : चक्रासन (chakrasana) योग के उन आसनों में से एक है जिसके अभ्यास का लाभ पूरे शरीर के अंगों को प्राप्त होता है। यह एक पिछे की ओर झुकने वाला आसन है जो मुख्य रूप से कमर, थाई, पेट, छाती, गर्दन और बाजुओं की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है। इसके नियमित अभ्यास से पेट, कमर, हिप्स व थाई का एक्स्ट्रा फैट कम होता है और मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी चक्रासन के फायदे (chakrasana benefits in hindi) अच्छे हैं।

चक्रासन (chakrasana) एक एडवांस टाइप का आसन है, इसके अभ्यास के लिए कमर का लचीला होना बेहद जरूरी होता है। इसलिए यदि आप योग के क्षेत्र में नए हैं या फिर आपकी कमर में अभी लचीलापन नहीं आया है तो फिर आपको इसके अभ्यास से बचना चाहिए। इससे आपको चक्रासन के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं, खासकर कमर, रीढ़ व गर्दन के लिए यह खतरनाक साबित हो सकता है।

इसलिए बिगिनर्स को हमारी सलाह रहेगी की आप सबसे पहले कुछ दिन सलंब भुजंगासन, मार्जरासन, उष्ट्रासन, सेतु बंध सर्वांगासन व धनुरासन जैसे आसनों का अभ्यास करें इससे आपको बॉडी में लचीलापन बढ़ेगा और फिर आप चक्रासन (chakrasana in hindi) का अभ्यास आसानी से कर पाएंगे। आपकी मांसपेशियों में जितनी लचीली व मजबूत होंगी आपको चक्रासन करने में उतनी ही आसानी होगी।

इसके अलावा बहुत से लोग चक्रासन का अभ्यास करते समय कई छोटी-छोटी गलतियां करते हैं जिससे भी शरीर में चोट का खतरा होता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान एक छोटी सी गलती भी आप पर भारी पड़ सकती है। इसलिए इस आर्टिकल में हम चक्रासन के फायदे और नुकसान (chakrasana benefits in hindi) के अलावा, चक्रासन की विधि व चक्रासन की सावधानियां भी जानेंगे, इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

चक्रासन योग क्या है – Chakrasana in Hindi

chakrasana, wheel yoga pose

चक्रासन (chakrasana) संस्कृत भाषा के दो शब्दों ‘चक्र’ और ‘आसन’ से मिलकर बना है। चक्र का अर्थ ‘पहिया’ और आसन का अर्थ ‘योग मुद्रा’ है। इस आसन के दौरान शरीर की आकृति चक्र या पहिये की तरह दिखाई पड़ती है, जिस वजह से इसे यह नाम दिया गया है। इंग्लिश में इसे व्हील पोज़ (wheel pose) भी कहा जाता है।

साथ ही चक्रासन को कुछ जगह उर्ध्व धनुरासन (urdhva dhanurasana) भी कहा जाता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर को अनगिनत लाभ मिलते हैं, यह शरीर को फिट रखता है और कई गंभीर बिमारियों से बचाव में मदद करता है। साथ ही इसका अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी होता है। चक्रासन के फायदे (chakrasana benefits in hindi) के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

चक्रासन करने के फायदे – Chakrasana Benefits in Hindi

chakrasana benefits in hindi

1. पेट की अतिरिक्त चर्बी कम करे

पेट कम करने के योगासन में चक्रासन प्रमुख है। इसके अभ्यास से पेट की मांसपेशियों पर अच्छा खिंचाव पैदा होता है जिससे पेट व पेट के आसपास जमा एक्स्ट्रा फैट तेजी से कम होता है। इसके अलावा यह पाचन शक्ति को मजबूत बनाने व मेटाबोलिज्म को बूस्ट करने में भी मदद करता है जिससे भी मोटापा कम करने में काफी मदद मिलती है। पेट के अलावा चक्रासन के नियमित अभ्यास से कमर, हिप्स व थाई के एरिया में जमा एक्स्ट्रा फैट भी कम कम होता है।

2. कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाए

चक्रासन (chakrasana in hindi) के नियमित अभ्यास से कमर व रीढ़ का हिस्सा मजबूत होता है। यह कमर की मांसपेशियों को मजबूत व लचीला बनाने में मदद करता है। कमर व रीढ़ से जुड़ी ज्यादातर समस्याएं गलत पोस्चर में बैठने की वजह से होती हैं, जो लोग घंटों एक जगह बैठकर कार्य करते हैं उन्हें इसका खतरा ज्यादा होता है।

ऐसे में चक्रासन का अभ्यास करके कमर को मजबूत बनाया जा सकता है जिससे कमर से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होगा। साथ ही ध्यान रहे की तेज कमर दर्द व रीढ़ से जुड़ी किसी भी समस्या में चक्रासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।

3. जांघों को मजबूती प्रदान करें

चक्रासन के फायदे (chakrasana benefits in hindi) की आगे बात करें तो यह जांघों को भी मजबूत व लचीला बनाने में मदद करता है। इस आसन के दौरान जांघों और जांघों के आसपास अच्छा खिंचाव पैदा होता है, जिससे यहाँ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही चक्रासन के अभ्यास से जांघों की चर्बी भी कम होती है, जिन लोगों की जांघों के आसपास बहुत ज्यादा फैट जमा होता है उनके लिए यह एक बेस्ट योगासन है।

4. त्वचा के लिए चक्रासन के लाभ

 चक्रासन के फायदे (chakrasana ke fayde) त्वचा के लिए भी अच्छे हैं, यह त्वचा का ग्लो बढ़ाने में मदद करता है। दरअसल, इस आसन को करने से चेहरे की ओर रक्त संचार बढ़ता है, जिससे चेहरे की त्वचा को काफी लाभ मिलता है। इसके नियमित अभ्यास से फाइन लाइन्स और रिंकल्स की समस्या में भी लाभ मिल सकता है। स्किन के लिए बेस्ट योगासन की लिस्ट में चक्रासन का नाम शामिल है।

5. पाचन के लिए चक्रासन के फायदे

चक्रासन के नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया को भी लाभ मिलता है और इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है। पाचन शक्ति मजबूत होने से भोजन जल्दी और अच्छी तरह पचता है जिससे पेट से जुडी समस्याओं का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। जो लोग कमजोर पाचन शक्ति की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए चक्रासन और वज्रासन जैसे योग काफी ज्यादा लाभकारी साबित हो सकते हैं।

6. फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए

फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी चक्रासन के लाभ (Benefits of chakrasana in hindi) अच्छे हैं। चक्रासन की अवस्था में छाती और फेफड़ों में खिंचाव आता है जिससे फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते है। इसके साथ ही फेफड़ो के स्वास्थ्य के लिए आप अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान दें। 

7. बालों के लिए चक्रासन योग के लाभ

बालों के लिए भी चक्रासन (chakrasana) लाभकारी होता है। चक्रासन की अवस्था में सिर नीचे की ओर होता है जिससे स्कैल्प तक ब्लड अच्छी तरह पहुँचता है। जिससे बाल मजबूत होते है, बालों का झड़ना कम होता हैं और बालों की ग्रोथ अच्छी रहती है। चक्रासन के साथ साथ शीर्षासन और सर्वांगासन भी बालों के लिए फायदेमंद होते है।

8. पेट की समस्याओं से राहत दिलाए

पेट की परेशानियों जैसे गैस, एसिडिटी, कब्ज और अपच के लिए भी चक्रासन के लाभ (chakrasana ke fayde) अच्छे है। पेट की इन बीमारियों को दूर करने के लिए दवाई या चूर्ण का सहारा न लेकर नियमित योग का सहारा लेना चाहिए। पेट से जुड़ी समश्याओं के लिए बहुत से योगासन लाभकारी होते हैं और उनमें से चक्रासन (wheel pose in hindi) सबसे अच्छा है।

9. चक्रासन के मानसिक लाभ

शारीरिक लाभ के साथ-साथ चक्रासन के अभ्यास से मानसिक लाभ भी प्राप्त हो सकते हैं। यह तनाव व चिंता को कम करने में मदद करता है। साथ ही इसके अभ्यास से मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है। इसके अभ्यास से ब्रेन की ओर रक्त संचार बढ़ता है, जिससे ब्रेन के बंद पड़े पुर्जों मे नई जान आने लगती है।

10. चक्रासन के अन्य लाभ – Chakrasana ke Fayde

चक्रासन (chakrasana in hindi) से पांव, नितंब, पेट, छाती, कमर, कलाई और बाजुओं की मांसपेशियों पर दवाब पड़ता है जिससे ये मजबूत होती हैं। इसलिए शुरुआत में चक्रासन करने से शरीर के इन अंगों में दर्द हो सकता है जो वक्त के साथ अपने आप ही ठीक हो जाता है। लेकिन इस आसन को करते समय शरीर के साथ की तरह की जोर जबरदस्ती न करें।

चक्रासन की विधि व तरीका – How To Do Chakrasana in Hindi

  • चक्रासन करने के लिए किसी स्वच्छ व शांत जगह का चुनाव करें। 
  • जमीन पर मैट बिछाकर कुछ देर रिलैक्स करें। 
  • उसके बाद पीठ के बल सीधा लेट जाएं, दो से चार लंबी सांस लें।  
  • अब अपने दोनों घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को कूल्हों के पास लाए।  
  • अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर कोहनियां मोड़ लें । 
  • हथेलियों को कंधे के ऊपर जमीन पर रख दें।  
  • लंबी सांस ले और धीरे-धीरे शरीर के बीच के हिस्से को ऊपर उठाएं।  
  • नजरे दोनों हाथों के बीच एक जगह केंद्रित होनी चाहिए। 
  • अपनी क्षमतानुसार जब तक संभव हो इस अवस्था में रहे।  
  • शरीर के साथ किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
  • अंत में धीरे-धीरे इस आसन से बाहर आ जाए।
  • और फिर कुछ देर मकरासन में रिलैक्स करें।
  • ऐसा आप 2 से 3 बार कर सकते हैं।  

चक्रासन से पहले कौन का आसन करें

कभी भी चक्रासन का सीधा अभ्यास नहीं करना चाहिए। चक्रासन से पहले थोड़ा बहुत वार्मअप जरूर कर लें और साथ ही कमर, कलाई, गर्दन तथा पैर की मांसपेशियों को अच्छी तरह स्ट्रेच कर लें। साथ ही चक्रासन के अभ्यास से पहले इन आसनों का अभ्यास भी जरूर करें।

चक्रासन के बाद कौन का आसन करें 

चक्रासन की सावधानियां – Precautions of Chakrasana in Hindi

चक्रासन करने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर जान लें, नहीं तो चक्रासन करने के फायदे की जगह चक्रासन के नुकसान झेलने पड़ सकते हैं। 

  • हृदय रोग, उच्च रक्तचाप की परेशानी में चक्रासन न करें। 
  • हर्निया की परेशानी में इस आसन को न करें। 
  • सायटिका की परेशानी में भी चक्रासन करने से बचे। 
  • गर्भवती महिलाओं को चक्रासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए
  • चक्रासन करने से पहले वार्मअप भी जरूर कर लें। सीधा इसका अभ्यास कभी न करें।
  • चक्रासन करने में कभी भी जोर जबरदस्ती न करें, धीरे धीरे इसका अभ्यास करें।
  • चक्रासन करते समय यदि किसी भी प्रकार की कोई परेशानी महसूस हो तो तुरंत इस आसन से बाहर आ जाएं।  

चक्रासन के नुकसान – Chakrasana ke Nuksan

चक्रासन (chakrasana in hindi) एक एडवांस टाइप का आसन है, इसके अभ्यास के लिए शरीर में लचीलापन होना चाहिए। ऐसे में बिगिनर्स को सबसे पहले अपनी बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाना चाहिए और उसके बाद ही इसका अभ्यास करना चाहिए, नहीं तो इससे शरीर में गंभीर इंजरी भी हो सकती है। खासकर कमर व गर्दन के लिए यह खतरनाक हो सकता है। साथ ही शुरूआत में हमेशा किसी अन्य व्यक्ति की देखरेख में ही इसका अभ्यास करें।

चक्रासन कब करना चाहिए और कब नहीं?

चक्रासन (chakrasana hindi) करने का सबसे अच्छा समय सुबह का समय होता है। सुबह अच्ची तरह फ्रेश होकर शांत मन से इस आसन का अभ्यास करना चाहिए। ध्यान रहे क, चक्रासन से पहले आपको अपने शरीर को स्ट्रेच जरूर करना है खासकर कमर की हल्की फुल्की एक्सरसाइज जरूर कर लेनी है और उसके बाद ही इस आसन को करना है। 

चक्रासन (chakrasana hindi) का अभ्यास कभी भी भोजन करने के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए, साथ ही रात के समय भी चक्रासन नहीं करना चाहिए। खाना खाने के कम से कम 4 -5 घंटे बाद ही चक्रासन का अभ्यास करना चाहिए। साथ ही बुखार, दस्त, पेट दर्द व अन्य शारीरिक परेशानियों में भी चक्रासन नहीं करना चाहिए।

चक्रासन का विकल्प

कुछ लोगों के लिए चक्रासन (chakrasana) एक मुश्किल योग हो सकता है। लेकिन आप घबराए न चक्रासन की जगह आप सेतुबंधासन भी कर सकते हैं। अगर आपने कभी चक्रासन नहीं किया तो हमारी सलाह रहेगी की आप पहले कुछ दिन सेतुबंधासन करें। जब आप इसमें माहिर हो जाए उसके बाद चक्रासन का अभ्यास करें, यह चक्रासन करने का आसान तरीका है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQs

Q. क्या चक्रासन करने से पेट कम होता है?

Ans. पेट कम करने के लिए चक्रासन काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसके साथ-साथ आपको अपने खानपान पर भी ध्यान देना होगा। अच्छे खानपान के साथ और अन्य योगासनों के साथ चक्रासन के अभ्यास से पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम किया जा सकता है।

Q. चक्रासन कितनी देर तक करना चाहिए?

Ans. चक्रासन का अभ्यास आपको अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए, जितनी देर आप इस आसन में रुक सकी उतनी देर ही रुकें, शरीर के साथ किसी भी तरह की कोई जोर जबरदस्ती न करें।

Q. जो लोग चक्रासन न कर पाएं उन्हें क्या करना चाहिए?

Ans. चक्रासन की जगह आप सेतुबंधासन का अभ्यास कर सकते हैं। सेतुबंधासन कमर और जांघों को लचीला बनाने में मदद करता है और पेट की अतिरिक्त चर्बी को भी कम करने में मदद करता है।

सारांश – Conclusion

चक्रासन के लाभ ( chakrasan in hindi) पाने के लिए इसका अभ्यास सही तरिके से ही करना चाहिए। चक्रासन एक मुश्किल योग है और इसे आपको धीरे धीरे ही सीखना चाहिए। अगर आप जोर जबरदस्ती करके इसे एक दिन में ही सिखने की सोचेंगे, तो आपको चक्रासन के नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं। इससे कमर, रीढ़ या गर्दन चोटिल हो सकती है।

चक्रासन की विधि पर ध्यान देकर, छोटी छोटी बातों को सीखें और उसके बाद ही चक्रासन का अभ्यास करें। उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल चक्रासन के फायदे (chakrasana benefits in hindi) पसंद आया होगा यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

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Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। इजी लाइफ हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है, इस तरह के किसी भी उपचार, दवा, डाइट इतियादी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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