अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी? | Arjun Ki Chhal Ki Taseer

अर्जुन की छाल की तासीर (arjun ki chhal ki taseer) : अर्जुन एक सदाबाहर वृक्ष है जिसका आयुर्वेद में बड़ा ही महत्व है। अर्जन के पेड़ की छाल का उपयोग आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार में किया जाता है। खासतौर पर ह्रदय से जुड़ी बीमारियों के लिए यह बेहद फायदेमंद माना जाता है। लेकिन अर्जुन की छाल की तासीर को लेकर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं, कुछ जगह इसकी तासीर को गर्म बताया जाता है तो कुछ जगह इसे शीतल बताया जाता है। अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी? इसका सही जवाब हर कोई जानना चाहता है। 

अर्जुन की छाल क्या है?

अर्जुन एक सदाबहार पेड़ है। इसका वैज्ञानिक नाम टर्मिनेलिया अर्जुना (Terminalia arjuna) है। इसके तने की बाहरी परत को ही अर्जुन की छाल कहते हैं। इसका उपयोग आयुर्वेद में औषधी के रूप में किया जाता है। अर्जुन की छाल को आप बाजार से भी खरीद सकते हैं आपको यह किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर में आसानी से जाएगा। सामान्यतः इसका सेवन काढ़ा व चाय के रूप में किया जाता है। आगे जानते हैं की अर्जुन की छाल के क्या फायदे हैं और अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी? 

अर्जुन की छाल के फायदे – Arjun Ki Chaal Ke Fayde 

अर्जुन की छाल की तासीर (arjun ki chhal ki taseer) जानने से पहले एक बार इसके फायदों के बारे में जान लेते हैं। जैसा की आप जानते ही होंगे की अर्जुन की छाल का उपयोग बहुत सी बीमारियों के उपचार में किया जाता है,खासतौर पर ह्रदय से जुड़ी बीमारियों के लिए यह बेहद फायदेमंद है।  

1. ह्रदय को स्वस्थ रखें 

हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए अर्जुन की छाल का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है। आयुर्वेद में इसे ह्रदय रोगों के लिए एक बेहद लाभकारी दवा माना जाता है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रोल जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है साथ ही यह ब्लड फ्लो बढ़ाने में भी मदद करता है। इन सब वजहों से हृदय से जुड़ी समस्याओं का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। 

2. पाचन शक्ति बढ़ाए 

अर्जुन की छाल पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में भी काफी मददगार होता है। इसके सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याओं में काफी राहत मिलती है और भोजन का पाचन अच्छे से होता है। साथ ही यह डायरिया और पेट के अल्सर को भी दूर करने में मदद कर सकता है। 

3. मोटापा कम करने में सहायक 

अर्जुन की छाल का उपयोग पतला होने के लिए भी किया जा सकता है। दरअसल, अर्जुन की छाल की चाय या कड़ा बनाकर पीने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है जिससे वजन कम करने में काफी मदद मिलती है। लेकिन इसका उपयोग हमेशा अच्छी डाइट और एक्सरसाइज के साथ ही करना चाहिए, तभी जाकर मोटापा कम करने में यह मदद कर सकता है। 

4. एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर

अर्जुन की छाल में एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज यानी सूजनरोधी गुण भी मौजूद होते हैं जो शरीर में सूजन और सूजन के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। खासकर जोड़ो के दर्द के कारण होने वाली सूजन के लिए यह बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।  

5. मूत्र रोगों के लिए फायदेमंद

अर्जुन की छाल मूत्र संबंधी समस्याओं के लिए भी बेहद लाभप्रद होता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने के कारण यह मूत्र मार्ग में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद कर सकता है। इसके सेवन से रुक-रुक कर पेशाब आना, पेशाब में जलन महसूस होना व बारबार पेशाब आना जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।   

6. अर्जुन की छाल के अन्य फायदे 

इसके अलावा अर्जुन की छाल के उपयोग से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है, शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और सर्दी-खांसी व जुकाम में आराम मिलता है, इसके सेवन से बुखार में आराम मिलता है, पेट स्वस्थ रहता है और बॉडी में मौजूद विषैले पदार्थ दूर हॉट हैं जिससे त्वचा को भी लाभ मिलता है।   

अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी? 

अर्जुन की छाल के फायदे जानने के बाद अब अर्जुन की छाल की तासीर (arjun ki chhal ki taseer) के बारे में जानते हैं, क्योंकि इसकी तासीर को लेकर लोगों के मन में काफी कन्फ्यूजन रहती है ज्यादातर लोगों के मन में सवाल रहता है की अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी?, कुछ जगह इसे गर्म तासीर का बताया जाता है तो कुछ जगह इसे ठंडी तासीर का बताया जाता है। 

गहन रिसर्च के बाद हमें यह जानकारी प्राप्त हुई है की अर्जुन की छाल की तासीर “शीतल” होती है। आयुर्वेद में अर्जुन की छाल की तासीर को ठंडा बताया गया है। हालाकिं इसके ऊपर अभी तक किसी भी प्रकार का कोई वैज्ञानिक शोध मौजूद नहीं है, इस विषय पर वैज्ञानिक अध्ययन सीमित हैं।

अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें 

अर्जुन की छाल का उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका है अर्जुन की छाल की चाय बनाकर पीना। अर्जुन की छाल की चाय दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है और इससे मोटापा, डायबिटीज व कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों में भी आराम मिलता है। तो आइये जानते हैं की अर्जुन की छाल की चाय कैसे बनाई जाती है। 

  • एक बर्तन में 2 कप पानी डालकर इसे गैस पर गर्म करने के लिए रख दें।
  • उसके बाद इसमें लगभग आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर डालें।
  • इसे तब तक उबलने दें जब तक की पानी आधा न हो जाए। 
  • उसके बाद गैस बंद कर दें और इसे छान लें। 
  • थोड़ा ठंडा होने दे, चाहें तो स्वाद के लिए इसमें थोड़ा शहद मिला लें।
  • फिर आराम से बैठकर शिप-शिप करके चाय की तरह इसका सेवन करें। 

Note: अर्जुन की छाल की चाय का सेवन सुबह खाली पेट न करें, इसे सुबह नाश्ते के 40-50 मिनट बाद ले सकते हैं। दिन में अधिकतक दो बार इसका सेवन कर सकते हैं।  

अर्जुन की छाल के नुकसान – Arjun Ki Chhal Ke Nuksan

अर्जुन की छाल की तासीर, फायदे और उपयोग जानने के बाद अब इसके साइड इफेक्ट्स की भी बात कर लेते हैं। कोई भी चीज कितनी भी लाभकारी क्यों न हो उसके कुछ न कुछ नुकसान भी होते हैं और अर्जुन की छाल के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इसलिए इसके उपयोग से पहले कुछ सावधानियां जरूर बरतें, जो इस प्रकार हैं। 

  • अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। 
  • इसके अधिक सेवन से अनिद्रा, पेट दर्द, उल्टी, दस्त व सिरदर्द की समस्या हो सकती है।   
  • किसी भी बीमारी में इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। 
  • यदि आप पहले से किसी तरह की कोई दवा या उपचार ले रहें हैं तो भी इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • गर्भवती महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए। 
  • छोटे बच्चों को भी इसके सेवन से बचना चाहिए।   

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

Q. अर्जुन की छाल कितने दिन तक पीना चाहिए?

Ans. यह आपकी समस्या पर डिपेंड करता है की आप किस चीज के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं इसलिए इस बारे में डॉक्टर की सलाह लें। सामान्य मामलों में इसे 7-8 हफ्ते तक लिया जा सकता है।

Q. अर्जुन की छाल कितने दिन में फायदा करती है?

Ans. इसके इस्तेमाल के कुछ दिन बाद ही इसका असर दिखना शुरू हो जाट है। सामान्यतः 3-4 हफ्ते इस्तेमाल करने के बाद इसका असर दिखने लगता है।

Q. हृदय रोग के लिए अर्जुन की छाल का उपयोग कैसे करें?

Ans. हृदय रोग के लिए अर्जुन की छाल की चाय बनाकर पी सकते हैं या फिर इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।

Q. क्या मैं रोजाना अर्जुन की चाय पी सकता हूं?

Ans. जी हाँ, आप रोजाना अर्जुन की चाय बनाकर पी सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे की ज्यादा लंबे समय तक इसका सेवन न करें बीच में कुछ समय गैप भी रखें और दिन में अधिकतम दो बार से ज्यादा भी इसका सेवन न करें।

Q. क्या गर्भावस्था में अर्जुन की छाल की चाय पी सकते हैं?

Ans. गर्भावस्था में आपको इसके सेवन से बचना चाहिए या फिर इस विषय में अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

निष्कर्ष – Conclusion

उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपकी सबसे बड़ी कन्फूजन अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी? दूर हो गई होगी। अर्जुन की छाल स्वास्थ्य के लिए बेहद प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषिधि है लेकिन इसका सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। खासकर किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति जिसका पहले से इलाज चल रहा हो उसे इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

आशा करते हैं की अर्जुन की छाल की तासीर (Arjun Ki Chhal Ki Taseer), फायदे, उपयोग और नुकसान से संबंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हमें आपके सवालों का जवाब देने में खुशी होगी। साथ ही इसी तरह की जानकारियों के लिए आप इजी लाइफ हिंदी के अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं। धन्यवाद्

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। इजी लाइफ हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है, इस तरह के किसी भी उपचार, दवा, डाइट इतियादी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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