दुनियां की 13 सबसे ताकतवर जड़ी बूटी | Sabse Takatwar Jadi Buti

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (Sabse Takatwar Jadi Buti) : जड़ी-बूटियों को प्राचीन समय से ही स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इनमें अनेक औषधीय गुण होते हैं जिस वजह से आयुर्वेद व अन्य प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों में दवा के रूप में रोगों के उपचार के लिए इनका उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में जड़ी बूटियों को सेहत का खजाना माना जाता है, इनके उपयोग से शरीर को लंबी उम्र तक स्वस्थ, जवां और फिट रखा जा सकता है। 

आयुर्वेद में कई प्रकार की जड़ी-बूटियों का वर्णन मिलता है, जिनके अपने-अपने लाभ है। वैसे तो हर जड़ी-बूटी की अपनी विशेषताएं व खूबियां होती हैं, लेकिन इनमें से कुछ जड़ी-बूटियां ऐसी है जो स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस आर्टिकल में आगे हम कुछ ऐसी ही शक्तिशाली जड़ी-बूटियों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें दुनियां की सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (sabse takatwar jadi buti) भी कहा जाता है।

जड़ी बूटियां क्या हैं?    

जड़ी-बूटियां आमतौर पर पौधों से प्राप्त होने वाली सामग्री है इसमें बीज, शाखा, छाल, फल, फूल, पत्तियां, रस, जड़ आदि शामिल हैं। दवा व सप्लीमेंट के अलावा भोजन में स्वाद व सुगंध बढ़ाने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता है। जड़ी-बूटियां अलग प्रकार की होती है आमतौर पर कुछ को ताजा तो कुछ को सुखाकर इस्तेमाल किया जाता है। जबकि इन्हें टैबलेट, पाउडर, सिरप या कैप्सूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी कौन सी है – Sabse Takatwar Jadi Buti

sabse takatwar jadi buti kaun si hai

1. सबसे ताकतवर जड़ी बूटी है अश्वगंधा

अगर अश्वगंधा को सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (sabse takatwar jadi buti) कहा जाए तो गलत नहीं होगा। अश्वगंधा एक पौधा हैं जिसकी जड़ व पत्तियों में से अश्व यानी घोड़े जैसी गंध आती है जिस वजह से इसे यह नाम दिया गया है। आमतौर पर अश्वगंधा की जड़ को सुखाकर इसका पॉवडर बनाकर इस्तेमाल किया जाता है, जबकि इसके पत्तों व फूलों में भी कई प्रकार के औषिधीय गुण होते हैं। 

अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल व एंटी स्ट्रेस गुण पाए जाते हैं। आयुर्वेद में अश्वगंधा के कई लाभ बताए गए हैं जिसमे से कुछ इस प्रकार हैं। 

  • यह एक शक्तिवर्धक औषधि है जो शरीर की कमजोरी व दुर्बलता दूर करने में मदद करती है। 
  • पुरुषों की यौन क्षमता बढ़ाने और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक है। 
  • इसमें एंटी-स्ट्रेस गुण होते हैं जो तनाव को दूर करने में मदद करते हैं। 
  • इसके सेवन से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। 
  • अश्वगंधा इम्यूनिटी को भी बूस्ट करने में मदद करता है। 
  • आंखों के स्वास्थ के लिए बेहद फायदेमंद हैं। 
  • इसके सेवन से हड्डियां व मसल्स भी मजबूत रहती है।
  • मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।  
  • इसके अलावा त्वचा व बालों के स्वास्थ्य के लिए भी अश्वगंधा के फायदे अच्छे हैं।  

2. शक्तिशाली जड़ी बूटी है शतावरी

शतावरी का नाम भले ही कम लोगों ने सुना होगा लेकिन यह भी सबसे शक्तिशाली जड़ी बूटि में से एक है। इसे शतावर या सतमूल के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल सब्जी, सलाद, जूस आदि के रूप में  किया जा सकता है जबकि बाजार में शतावरी का चूर्ण व कैप्सूल भी आपको आसानी से मिल जाएगा। आयुर्वेद में शतावरी को ‘औषधियों की रानी’ भी कहा जाता है। महिलाओं के लिए यह बेहद लाभकारी जड़ी बूटियों में से एक हैं। आइये इसके फायदों के बारे में जानते हैं। 

  • शरीर की कमजोरी दूर करने में सहायक है। 
  • मधुमेह की रोकथाम के लिए बेहद उपयोगी है। 
  • मूत्र रोगों (यूटीआई) के लिए प्रभावी आयुर्वेदिक दवा का काम करती है। 
  • पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में सहायक है। 
  • महिलाओं के अविकसित अंगों को विकसित करने में मददगार है। 
  • गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद जड़ी बूटी है। 
  • मस्तिष्क के स्वस्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है। 
  • माइग्रेन व अनिद्रा के लिए काफी उपयोगी है।
  • हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक है। 
  • पाचन शक्ति को मजबूत करने में सहायक है। 
  • इम्युनिटी को बूस्ट करती है। 

3. रोग नाशक जड़ी बूटी है तुलसी

हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे की बढ़ी ही मान्यता है और घर-घर इसकी पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की तुलसी एक औषधीय पौधा भी है, इसके पत्तों में औषधीय गुण होते हैं और कई बीमारियों में इनका इस्तेमाल किया जाता है। पत्तों के अलावा तुलसी के बीज भी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में तुलसी को रोग नाशक जड़ी बूटी माना जाता है, आइये इसके फायदे जानते हैं। 

  • तुलसी के पत्ते सर्दी, जुकाम व खांसी के लिए रामबाण दवा है। 
  • तुलसी के पत्तों का कड़ा बनाकर पीने से गले के दर्द व सूजन में आराम मिलता है। 
  • यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में मददगार होते हैं। 
  • बुखार, सिर दर्द, मलेरिया व बैक्टीरियल संक्रमण जैसे रोगों के लिए भी तुलसी के पत्ते बेहद उपयोगी होते है। 
  • त्वचा संबंधी बहुत सी समस्याओं के लिए तुलसी के पत्तों का उपयोग किया जाता है। 
  • पथरी व मूत्र रोगों के लिए भी तुलसी के पत्ते बेहद फायदेमंद होते हैं। 
  • तुलसी के बीज का उपयोग वजन कम करने के लिए किया जा सकता है।  
  • साथ ही यह कब्ज को दूर करने व पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में भी सहायक होते हैं। 
  • इसके अलावा तुलसी के बीज शरीर की गर्मी को दूर करने में भी काफी सहायक होते हैं।  

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4.  अमृत समान है गिलोय

गिलोय एक प्रकार की बेल है जिसके पत्ते, जड़ व तना स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होते हैं, आयुर्वेदिक औषिधि के रूप में इनका उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में गिलोय को अमृत के समान माना गया है जिस वजह से इसे “अमृता” के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय का उपयोग 100 से भी अधिक बीमारियों के उपचार में किया जा सकता है। 

गिलोय सेहत के लिए कितनी लाभकारी है इस बात का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं की यह वात, पित्त और कफ तीनो दोषो को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है, गिलोय के इस गुण के कारण इसे सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (sabse takatwar jadi buti) कहना गलता नहीं होगा। गिलोय का उपयोग जूस व काढ़े के रूप में किया जा सकता है। जबकि बाजार में गिलोय सत्व व गिलोय टैबलेट भी उपलब्ध है।

  • गिलोय इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक है। 
  • बुखार में आराम पहुँचाने में मददगार है। 
  • डेंगू से बचाव करने में सहायक में सहायक है। 
  • डायबिटीज को नियंत्रित करने में सहायक है।
  • गठिया रोग के लिए गिलोय के फायदे अच्छे हैं। 
  • पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में मददगार है। 
  • पेट की समस्याओं के लिए बेहद उपयोगी है।
  • इसके अलावा त्वचा के लिए भी गिलोय फायदेमंद होती है।  

यह भी पढ़े : गिलोय सत्व के फायदे और उपयोग

5. ब्राह्मी (Brahmi)

ब्राह्मी एक प्रकार का पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में वर्षों से किया जा रहा है। आयुर्वेद में इसे मस्तिष्क के लिए सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटी माना गया है। इसका उपयोग मुख्यतः तीन तरीकों से किया जा सकता है 1) ब्राह्मी वटी, 2) ब्राह्मी चूर्ण व 3) ब्राह्मी घृत। स्वास्थ्य के लिए ब्राह्मी के फायदे इस प्रकार हैं।       

  • चिंता और तनाव दूर करने में सहायक है। 
  • याददाश्त बढ़ाने में मददगार है। 
  • अनिद्रा की समस्या को दूर करने में भी काफी सहायक है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। 
  • मिर्गी रोग के लिए भी ब्राह्मी काफी फायदेमंद है। 
  • डायबिटीज के लिए प्रभावी है। 
  • इसके अलावा श्वसन संबंधी समस्याओं के लिए भी ब्राह्मी का उपयोग फायदेमंद होता है। 

6. गोखरू (Gokhru)

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी के नाम (sabse takatwar jadi buti konsi hai) की लिस्ट में गोखरू भी शामिल है। गोखरू के पौधे के फल, पत्ते, तने और जड़ को आयुर्वेदिक औषिधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पुरुषों की यौन शक्ति बढ़ाने के लिए यह एक शक्तिशाली जड़ी बूटी मानी जाती है जबकि इसके अन्य लाभ भी हैं, जनके बारे में नीचे बताया गया है। 

  • मूत्र रोग जैसे पेशाब में जलन, रुक-रूक कर पेशाब आना आदि समस्याओं के लिए बेहद फ़ायदेमदं है। 
  • पुरुषों में इरेक्टल डिसफंक्शन की समस्या को दूर करने में मदद करता है। 
  • पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। 
  • टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करता है। 
  • इनफर्टिलिटी की समस्या के लिए उपयोगी है, प्रजनन क्षमता को सुधारने में मदद करता है।
  • सेहत बनाने के लिए भी गोखरू उपयोगी होता है यह मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करता है। 
  • इसके अलावा त्वचा के लिए भी यह काफी ज्यादा फायदेमंद होता है।  

7. शिलाजीत (Shilajit)

शिलाजीत सबसे शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटि (sabse takatwar jadi buti) और खनिज पदार्थों में से एक है। यह पहाड़ों में पौधों और धातुओं के घटकों से मिलकर बनता है, इसे बनने में हजारों साल लग जाते है इसलिए यह काफी दुर्लभ भी है। ज्यादातर लोगों को लगता है की शिलाजीत केवल यौन शक्ति बढ़ाने का ही कार्य करता है लेकिन इसके कई अन्य लाभ भी हैं। आइये शिलाजीत के फायदे जानते हैं। 

  • जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में सहायक होता है। 
  • हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। 
  • स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। 
  • यौन क्षमता को मजबूत बनाने में मदद करता है। 
  • शरीर में एनीमिया की कमी को दूर करने में सहायक है। 
  • शरीर में ऊर्जा और स्टैमिना को बढ़ाता है। 
  • इम्युनिटी को बूस्ट करता है। 
  • डायबिटीज को नियंत्रित रखने में मदद करता है। 
  • मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। 
  • साथ ही यह बढ़ती उम्र के असर को भी कम करता है।

8. हल्दी (Turmeric) 

अगर आपको लगता है की हल्दी का इस्तेमाल मसाले के रूप में केवल भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है तो फिर आप गलत हो सकते हैं। प्रचीन समय से ही आयुर्वेद में हल्दी का उपयोग जड़ी बूटी के रूप में किया जा रहा है। कई बीमारियों के उपचार में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है, इससे न सिर्फ शरीर की इम्युनिटी बूस्ट होती है बल्कि त्वचा के लिए भी हल्दी का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है। इसके लाभों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

  • हल्दी शरीर से विषैले पदार्थों को दूर करने में मदद करती है। 
  • इम्युनिटी को बूस्ट करती है। 
  • लिवर की सफाई करती है।
  • हृदय को स्वस्थ रखती है।  
  • डायबिटीज से बचाती है। 
  • पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में मदद करती है। 
  • अनिद्रा को दूर करने में सहायक है। 
  • सर्दी, खांसी व जुकाम से बचाती है। 
  • गठिया के लिए फायदेमंद है।  
  • सूजन कम करने में सहायक होती है। 
  • शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाती है।
  • त्वचा की चमक बढ़ाये। 
  • कील-मुंहासों को दूर करने में सहायक है। 

9. सफेद मूसली (Safed Musli)

सफेद मूसली की आयुर्वेद में शक्तिवर्धक जड़ी बूटियों में गिनती होती है। आयुर्वेद के अलावा यूनानी व एलोपैथिक चिकित्सा पद्धती में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से स्टैमिना और पावर बढ़ाने के लिए किया जाता है, साथ ही इसके कुछ अन्य फायदे भी हैं। सफेद मूसली की सेवन विधि की बात करे तो यह चूर्ण, पाउडर और पाक के रूप में बाजार में उपलब्ध रहती है, चिकित्सक की सलाह से इनमें से किसी का भी उपयोग किया जा सकता है। सफेद मूसली के फायदे इस प्रकार हैं। 

  • यौन शक्ति को बढ़ाने में सहायक है। 
  • टेस्टोस्टेरोन को बूस्ट करती है। 
  • शीघ्रपतन के लिए उपयोगी है। 
  • इरेक्टाइल डिसफंक्शन को दूर करने में सहायक है।
  • स्पर्म क्वालिटी में सुधार करता है। 
  • शारीरिक कमजोरी और दुर्बलता को दूर करने में सहायक है। 
  • मसल्स को मजबूत बनाने में मदद करता है। 
  • इम्युनिटी को बूस्ट करता है। 
  • तनाव को कम करने में सहायक है। 

10. नीम (Neem)

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (sabse takatwar jadi buti) में नीम का नाम भी आता है। नीम अपने कड़वेपन और औषिधीय गुणों के कारण जाना जाता है। यह रक्त को शुद्ध करने और शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में मददगार होता है साथ ही त्वचा संबंधी रोगों के लिए भी नीम का उपयोग काफी लाभप्रद होता है। इसके अलावा भी नीम के कई फायदे हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है। 

  • नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो बैक्टीरियल इंफेक्शन के खतरे को कम करने में मददगार होते हैं। 
  • नीम रक्त की अशुद्धियों को दूर करने में मदद करता है। 
  • डायबिटीज की रोकथाम के लिए नीम का उपयोग फायदेमंद होता है। 
  • पीलिया रोग के लिए नीम बेहद फायदेमंद माना जाता है। 
  • पेट संबंधी समस्याओं के लिए भी नीम का सेवन फ़ायदेमंद होता है। 
  • कैंसर से बचाव करने में मदद करता है। 
  • शरीर को विभिन्न बीमारियों से दूर रखता है।  
  • यह कील-मुंहासों को रोकने में मदद करता है। 
  • त्वचा में खाज-खुजली, घाव व रैशेज के लिए उपयोगी है। 
  • नीम का तेल लगाने से डैंड्रफ की समस्या कम होती है और बाल स्वस्थ रहते हैं। 

11. हरीतकी (Haritaki)

हरीतकी भी शक्तिशाली और ताकतवर जड़ी बूटी में से एक है। इसके फल, छाल और जड़ का उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है, खासतौर पर इसका फल बेहद गुणकारी है। त्रिफला में भी हरीतकी का उपयोग होता है यह त्रिफला के तीन फलों में से एक है। पेट और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए इसे बेहद लाभकारी माना जाता है, आइये इसके फायदे जानते हैं। 

  • पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में मददगार है। 
  • कब्ज और बवासीर की समस्या के लिए बेहद उपयोगी है। 
  • छाती में जलन, एसिडिटी व खटी डकारों से राहत दिलाए। 
  • उल्टी व दस्त से भी राहत दिलाने में सहायक है।
  • अस्थमा के लिए फायदेमंद होता है। 
  • खांसी व जुकाम के लिए उपयोगी है। 
  • त्वचा के लिए भी हरीतकी बेहद लाभकारी है।  

12. मुलेठी (Mulethi)

मुलेठी भी एक बेहद गुणकारी जड़ी बूटि है। इसके पौधे के तने की छाल को सुखाकर आयुर्वेदिक दवा के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। स्वाद में यह हल्की मीठी होती है। सर्दी, खांसी, जुकाम और गले की खरास के लिए इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसके अलावा यह माइग्रेन, मुंह के छाले, हिचकी, मूत्र में जलन व पेट के अल्सर के लिए भी उपयोगी होती है। 

13. मंजिष्ठा (Manjistha)  

सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (sabse takatvar jadi buti konsi hai) में मंजिष्ठा का नाम भी आता है। आपको बता दें की मजीठ पौधे की जड़ को मंजिष्ठा कहा जाता है। यह रक्त को साफ करने और रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को दूर करने में काफी सहायक होता है जिससे कई प्रकार की समस्याएं ठीक होती है, खासकर त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह बेहद फायदेमंद माना जाता है। 

इसके अलावा यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने, डायबिटीज को नियंत्रित करने व महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में भी काफी सहायक होता है। काढ़े व चूर्ण के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। 

कुछ अन्य शक्तिशाली जड़ी बूटियों के नाम

चिरायतासदाबहारकरीपत्ता
आंवलालाजवंतीपिपली
अर्जुनबहेड़ापुनर्नवा
पत्थरचूरदालचीनीकुल्थी
चित्रकसनायनागरमोथा
जीवन्तिजातिफलकचूर
नागकेसरमरीचमधुयष्टी
भृंगराजकौंच बीजगोंद कतीरा

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

Q. वजन बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी जड़ी बूटी कौन सी है?

Ans. वजन बढ़ाने के लिए अश्वगंधा, यष्टिमधु, शतावर व सफेद मुसली बेहद फायदेमंद है।

Q. जड़ी बूटियों का सेवन कितने समय तक करना चाहिए?

Ans. किसी भी जड़ी बूटी का सेवन एक निश्चित समय तक ही करना चाहिए, समस्या के अनुसार जड़ी बूटियों के सेवन का समय और तरीका अलग-अलग हो सकता है इसलिए बेहतर होगा की आप किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही इनका सेवन करें।

Q. जड़ी बूटी का राजा कौन है?

Ans. भृंगराज को जड़ी बूटी का राजा कहा जाता है।

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निष्कर्ष – Conclusion

आयुर्वेद में कई प्रकार की शक्तिशाली व ताकतवर जड़ी बूटियों का उल्लेख मिलता है जिसमें से कुछ के बारे में हमने इस आर्टिकल में जाना। हर जड़ी बूटी की अपनी खूबियां हैं, इसलिए आपको अपनी समस्या के अनुसार ही किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही इनका सेवन करना चाहिए। जड़ी बूटियों का अधिक मात्रा, गलत समय और गलत मौसम में सेवन करने से शरीर को नुकसान भी हो सकते हैं।

उम्मीद है कि सबसे ताकतवर जड़ी बूटी (sabse takatwar jadi buti kaun si hai) से संबंधित यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। अगर आपके मन मे कोई सवाल, सुझाव या शिकायत हो तो आप नीचे कमेंट करके हमे बता सकते हैं।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। इजी लाइफ हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है, इस तरह के किसी भी उपचार, दवा, डाइट इतियादी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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