Matsyasana in hindi : शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए योग को बेहद फायदेमंद माना जाता है। योग के नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियों को लचीला और मजबूत बनाने में मदद तो मिलती ही है साथ ही नियमित योगाभ्यास से मन भी शांत रहता है और चिंता व तनाव से भी मुक्ति मिलती है। मत्स्यासन (matsyasana hindi) भी एक ऐसा ही आसन है जिसके अनेक शारीरिक और मानसिक लाभ है। योग की शुरूवात करने वाले लोगों के लिए यह अच्छा और सरल आसन है।
मत्स्यासन (matsyasana in hindi) करते समय शरीर का आकार मत्स्य यानी मछली के समान दिखाई देता है, जिस वजह से इसे यह नाम दिया गया है। मत्स्यासन के फायदे (matsyasana benefits in hindi) की बात करें तो यह गर्दन, गले और कंधों की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा कर इन्हें मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही इसके अभ्यास से शरीर में रक्त संचार भी सही रहता है, खासकर सिर की ओर रक्त संचार बढ़ने से शरीर को कई लाभ प्राप्त होते हैं।
चेहरे की सुंदरता बढ़ाने, बालों को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी मत्स्यासन योग (matsyasana yoga in hindi) फायदेमंद होता है। इसके अलावा भी इस आसन के कई सारे लाभ हैं, जिनके बारे में हम आगे जानेंगे। लेकिन मत्स्यासन के लाभ (matsyasana benefits in hindi) प्राप्त करने के लिए इसका सही तरीके से अभ्यास भी जरूरी होता है। इसलिए आगे हम मत्स्यासन करने का सही तरीका और इस आसान की कुछ सावधानियों के बारे में भी जानेंगे।
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- मत्स्यासन क्या है – Matsyasana in Hindi
- मत्स्यासन के फायदे – Matsyasana Benefits in Hindi
- मत्स्यासन करने का तरीका – Matsyasana Karne Ka Tarika
- मत्स्यासन करने का आसान तरीका
- मत्स्यासन करने से पहले कौन से योगासन करें
- मत्स्यासन करने के बाद कौन से योगासन करें
- मत्स्यासन में बरते जाने वाली सावधानियां
- मत्स्यासन करने का सही समय
- निष्कर्ष – Conclusion
मत्स्यासन क्या है – Matsyasana in Hindi

मत्स्यासन पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला आसन है। यह संस्कृत भाषा के दो शब्द “मत्स्य” और “आसन” से मिलकर बना है। जिसमें “मस्त्य” का अर्थ मछली और “आसन” का अर्थ योग मुद्रा से है। इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर का आकार मछली की तरह दिखाई देता है, जिस वजह से इसे यह नाम दिया गया है। अंग्रेजी में इसे फिश योगा पोज (Fish Yoga Pose) के नाम से भी जाना जाता है।
रीढ़ की हड्डी और कमर को मजबूत बनाने के लिए मत्स्यासन (matsyasana in hindi) का अभ्यास फायदेमंद होता है। साथ ही इसके अभ्यास से पेट और पाचन से जुडी समस्याओं में भी लाभ मिलता है। इसके अलावा गले और गर्दन के मांसपेशियों के लिए भी मत्स्यासन के फायदे (matsyasana ke fayde) जबरदस्त है। इसके नियमित अभ्यास से थायराइड ग्रंथि पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है और फेफड़े भी स्वस्थ रहते हैं।
मत्स्यासन के फायदे – Matsyasana Benefits in Hindi

1. कमर को मजबूत बनाने में सहायक
मत्स्यासन (matsyasana in hindi) के अभ्यास से कमर पर अच्छा खिंचाव पड़ता है जिससे कमर मजबूत होती है और कमर से जुड़ी बहुत सी समस्याएं दूर होती है। जो लोग घंटों एक जगह बैठकर कार्य करते हैं उनके लिए यह एक अच्छा आसन है। साथ ही मत्स्यासन रीढ़ की हड्डी के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। (कमर दर्द से राहत पाने के लिए 11 योगासन)
2. गर्दन, गले और कंधों के लिए फायदेमंद
मत्स्यासन (fish yoga pose hindi) के अभ्यास से गर्दन, गले और कंधों की मांसपेशियां स्ट्रेच होती है, जिससे इन्हें मजबूती मिलती है। इसके अभ्यास से गले से जुड़ी विभिन्न समस्याओं जैसे गले में दर्द व सूजन में लाभ मिल सकता है। साथ ही थायराइड ग्रंथि पर भी इसका सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
3. फेफड़ों और ह्रदय की हेल्थ के लिए

फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी मत्स्यासन के फायदे (matsyasana benefits in hindi) अच्छे हैं। इसके अभ्यास से छाती और फेफड़ों में भी अच्छा खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे फेफड़ों से जुडी समस्याओं में आराम मिलता है और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। इसके अभ्यास से अस्थमा में भी लाभ मिलता है। साथ ही मत्स्यासन करने से ह्रदय की ओर रक्त संचार बढ़ता है जिससे ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।
4. पेट के लिए मत्स्यासन के फायदे
मत्स्यासन (fish yoga pose hindi) के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है, मोटापा कम होता है और पेट से जुड़ी विभिन्न परेशानियां जैसे गैस, एसिडिटी, अपच व कब्ज में भी आराम मिलता है। मत्स्यासन पाचन शक्ति बढ़ाने वाले योगासनों में से एक है। पेट और पाचन की समस्याओं से जूझ रहे लोगों को इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए।
5. शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाये
शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाने के उपाय में योग का नाम सबसे पहले आता है। मत्स्यासन जैसे कई योगासनों के नियमित अभ्यास से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है, जिससे बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
6. मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में सहायक
मत्स्यासन के फायदे (matsyasana benefits in hindi) मेटाबॉलिज्म के लिए भी अच्छे हैं। इसके नियमित अभ्यास से शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है। मेटाबॉलिज्म भोजन को ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है, मेटाबॉलिज्म जितना अच्छा होगा शरीर उतना ही ऊर्जावान, स्वस्थ और फिट होगा। साथ ही मोटापा कम करने के लिए भी मेटाबॉलिज्म का सही से कार्य करना जरूरी होता है।
7. महिलाओं के लिए मत्स्यासन के लाभ

महिलाओं के लिए भी मत्स्यासन का अभ्यास (matsyasana in hindi) फायदेमंद होता है। इसके अभ्यास से प्रजनन प्रणाली (reproductive systems) को लाभ मिलता है, साथ ही मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए भी यह आसन फायदेमंद होता है। (महिलाओं के लिए तितली आसन के फायदे)
8. मस्तिष्क के लिए लाभकारी
मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी मत्स्यासन के लाभ अच्छे हैं। इस आसन के अभ्यास से तनाव व चिंता को दूर करने और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद मिलती है। साथ ही मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए भी यह एक बेहतरीन योगासन है। इसके अभ्यास से मस्तिष्क की ओर रक्त संचार तेज होता है, जिससे मस्तिष्क को काफी लाभ मिलता है।
9. चेहरे का ग्लो बढ़ाये
मत्स्यासन योग (matsyasana yoga in hindi) चेहरे की त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। इसके अभ्यास के दौरान रक्त संचार चेहरे की ओर बढ़ता है जिससे चेहरे की त्वचा को पोषण मिलता है और इससे चेहरे की चमक बढ़ती है। इस आसन को करते समय आपको चेहरे पर गर्माहट का अहसास होगा, ऐसा चेहरे की ओर रक्त संचार बढ़ने से होता है।
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10. बालों के लिए मत्स्यासन के फायदे
चेहरे की त्वचा के साथ-साथ मत्स्यासन के लाभ बालों की सेहत के लिए (matsyasana benefits for hair in hindi) भी अच्छे हैं। सिर की ओर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने से बालों को पोषण मिलता है, इससे बालों से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं। हालाकिं त्वचा व बालों की हेल्थ के लिए खानपान भी जरूरी होता है, इसलिए आपको योगासन के अभ्यास के साथ-साथ अपने खानपान के ऊपर भी बराबर ध्यान देना चाहिए।
मत्स्यासन करने का तरीका – Matsyasana Karne Ka Tarika
मत्स्यासन के लाभ (benefits of matsyasana in hindi) प्राप्त करने के लिए इसका अभ्यास सही विधि से करना जरुरी होता है। गलत तरीके से किया गया अभ्यास शरीर को चोटिल भी कर सकता है। इसलिए नीचे हम मत्स्यासन करने का तरीका बता रहे हैं।
- सबसे पहले किस साफ और खुली जगह पर योगा मैट बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं।
- हाथ कूल्हों के पास जमीन पर टिके होने चाहिए और दोनों पैर आपस में मिले होने चाहिए।
- उसके बाद अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए और हाथों का सहारा लेते हुए पद्मासन पोजीशन में आ जाएंगे।
- पद्मासन में आने के बाद अपने घुटनों को जमीन पर रख दें।
- कोहनियों को सीधा रखेंगे और उन पर थोड़ा सा दबाव डालते हुए गर्दन को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- अब गर्दन को घुमाकर सिर के ऊपरी हिस्से को जमीन के ऊपर रख देंगे।
- उसके बाद कोहनियों पर दबाव डालकर बीच में से कमर को भी ऊपर उठा लेंगे।
- दोनों हाथों की उँगलियों से पैर के अंगूठों को पकड़ लें।
- इस बीच सांस लेते और छोड़ते रहें और 20-30 सेकंड इस आसन में रुकने की कोशिश करें।
- उसके बाद दोनों कोहनियों को जमीन पर रखकर, इन पर शरीर का भार रखकर, सिर को धीरे धीरे उठाकर जमीन पर रख देंगे।
- पैरों को ऊपर उठकर पद्मासन को खोल देंगे और पैरों को भी जमीन पर रख देंगें।
मत्स्यासन करने का आसान तरीका – Matsyasana Karne Ka Asan Tarika
मत्स्यासन (matsyasana in hindi) करते समय पद्मासन लगाना जरुरी नहीं है, अगर आप पद्मासन नहीं लगा सकते तो आप पैरों को सीधा रखकर भी इसका अभ्यास कर सकते हैं। बिगिनर्स के लिए पद्मासन में रहना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसे नीचे दी गई वीडियो की मदद से समझें।
Video : VENTUNO YOGA
मत्स्यासन करने से पहले कौन से योगासन करें – Matsyasana Karne Se Pehle Kare Ye Asana
मत्स्यासन करने से पहले इन योगासनों का भी अभ्यास जरूर कर लें।
- वज्रासन (Vajrasana)
- सर्वांगासन (Sarvangasana)
- हलासन (Halasana)
- बालासन (Balasana)
मत्स्यासन करने के बाद कौन से योगासन करें – Matsyasana Karne Ke Baad Kare Ye Asana
मत्स्यासन करने के बाद यह आसन कर सकते हैं।
- पद्मासन (Padmasana)
- बालासन (Balasana)
- शवासन (Shavasana)
मत्स्यासन में बरते जाने वाली सावधानियां – Matsyasana Me Kya Savdhani Barte
मत्स्यासन योग के फायदे और मत्स्यासन करने का तरीका जानने के बाद अब इस आसन को करते समय बरते जाने वाली कुछ सावधानियों के बारे में भी जान लेते हैं, जो इस प्रकार है।
- मत्स्यासन (fish yoga pose hindi) के अभ्यास से पहले कमर, गले और गर्दन की मांसपेशियों का थोड़ा वार्म-अप जरूर कर लें।
- इस आसन को करते समय शरीर के साथ किसी भी प्रकार की कोई जोर-जबरदस्ती न करें।
- आसन के दौरान अगर किसी प्रकार की कोई परेशानी महसूस हो तो तुरंत आसन से बाहर आजाये।
- मत्स्यासन का अभ्यास खाली पेट ही करें, भोजन करने के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें।
- कमर, गर्दन, गले, पेट, छाती, कोहनी और घुटनों के चोट में इस आसन का अभ्यास न करें।
- बीपी के मरीजों को भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- बुखार, सिर दर्द, पेट दर्द व छाती के दर्द में भी इसका अभ्यास न करें तो बेहतर होगा।
- किसी भी प्रकार की गंभीर शारीरिक समस्या या बीमारी में डॉक्टर की सलाह के बाद ही मत्स्यासन (fish yoga pose) का अभ्यास करना चाहिए।
मत्स्यासन करने का सही समय – Matsyasana Karne Ka Sahi Samay
सुबह का समय, जब पेट पूरी तरह से खाली होता है तब मत्स्यासन के अभ्यास का सबसे अच्छा समय माना जाता है। इसके अलावा आप शाम के समय भी इसका अभ्यास कर सकते हैं। लेकिन एक बात का ध्यान रखें की भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें, भोजन करने के 4-5 घंटे बाद ही मत्स्यासन (matsyasana) करना चाहिए।
निष्कर्ष – Conclusion
मत्स्यासन (matsyasana in hindi) करने से पेट, कमर, गर्दन और गले की मांसपेशियों पर अच्छा खिंचाव उत्पन्न होता है, जिससे यह मांसपेशियां मजबूत होती है और इनसे जुड़ी समस्याओं में भी लाभ मिलता है। लेकिन किसी भी योग आसन के लाभ प्राप्त करने के लिए उसका अभ्यास सही विधि से करना जरुरी होता है, साथ ही खानपान पर भी ध्यान देने की खास जरुरत होती है।
उम्मीद है की आपको मत्स्यासन के फायदे (matsyasana benefits in hindi) से संबंधित यह लेख पसंद आया होगा और आपको इससे अच्छी जानकारी प्राप्त हुई होगी। अगर आपके मन में कोई सवाल या शिकायत हो तो आपके लिए नीचे Comment Box खुला है। साथ ही हेल्थ, फिटनेस और खानपान से जुड़ी जानकारियों के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं और हमारे साथ सोशल मीडिया में भी जुड़ सकते हैं।
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