वृक्षासन करने का तरीका, फायदे व नुकसान | Vrikshasana Benefits in Hindi

vrikshasana benefits in hindi : इस आर्टिकल में हम वृक्षासन के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे। वृक्षासन योग का एक अहम आसन है, यह बॉडी का पोस्चर सुधारने और सहनशक्ति व एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। साथ ही इसके नियमित अभ्यास से शारीरिक संतुलन भी बेहतर होता है। इसके अलावा भी इसके कई लाभ हैं। योग की शुरुआत करने वालों के लिए यह एक अच्छा आसन है जो मुश्किल योगासनों के लिए शरीर को तैयार करता है।

जिन लोगों ने आज से पहले कभी योग नहीं किया वे वृक्षासन (vrikshasana in hindi) से भी योग की शुरुआत कर सकते हैं। यह एक बेसिक आसन है जिसे करने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती, इस आसन में एकाग्र मन से शरीर को संतुलित करने की आवश्यकता होती है। कुछ दिन अभ्यास करने के बाद आप आसानी से इसे कर सकते हैं। लेकिन इसके अभ्यास के दौरान आपको कुछ बातों का भी अवश्य ध्यान रखना चाहिए।

आपको वृक्षासन के फायदे (vrikshasana benefits in hindi) तभी प्राप्त हो सकते हैं जब आप सही विधि से इसका अभ्यास करेंगे। देखा गया है की कुछ लोग गलत विधि से वृक्षासन का अभ्यास करते हैं जिस वजह से उन्हें इसके पूर्ण लाभ नहीं मिलते। इस आर्टिकल में हम वृक्षासन के फायदे और नुकसान (vrikshasana in hindi) के अलावा इसके अभ्यास की सही विधि और इससे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में भी जानेंगे।

वृक्षासन क्या है – Vrikshasana in Hindi

वृक्षासन (vrikshasana in hindi) हठ योग का आसन है। यह संस्कृत भाषा के दो शब्द वृक्ष और आसन से मिलकर बना है। जिसमें वृक्ष का अर्थ पेड़ और आसन का अर्थ योग मुद्रा से है। इस आसन में वृक्ष या पेड़ की तरह सीधा खड़ा होना होता है जिस वजह से इसे यह नाम दिया गया। जबकि इंग्लिश में इसे Tree Pose के नाम से भी जाना जाता है।

वृक्षासन में सीधे खड़े होकर एक पैर के तलवे को दूसरे पैर की जांघ के साइड में रखा जाता है, यानि इस आसन में एक पैर पर खड़ा होना होता है। यह मुख्य रूप से एक बैलेंसिंग पोज़ है जो शरीर के संतुलन व एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करता है। वृक्षासन के फायदे (vrikshasana ke fayde) जानने के लिए आगे पढ़ें।

वृक्षासन के फायदे – Vrikshasana Benefits in Hindi

Vrikshasana Benefits in Hindi

वृक्षासन का नियमित अभ्यास स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। खासकर बेगिनर्स के लिए तह एक बेहतरीन आसन है। वृक्षासन के लाभ (vrikshasana ke fayde) इस प्रकार हैं।

1. शारीरिक संतुलन में वृद्धि

वृक्षासन (vrikshasana in hindi) के नियमित अभ्यास से शारीरिक संतुलन में वृद्धि होती है, इस आसन में एक पैर के सहारे सीधा व स्थिर खड़ा होना होता है और शरीर का बैलेंस बनाये रखना होता है। शुरुआत में ऐसा करने पर आप थोड़ा लड़खड़ा भी सकते हैं, लेकिन इसका अभ्यास करते रहने से आप कुछ ही समय में इस आसन में निपुण हो जाएंगे।

2. शरीर के पोस्चर में सुधार

वृक्षासन के फायदे (vrikshasana benefits in hindi) शरीर का पोस्चर सुधारने के लिए भी अच्छे है। इस आसन में कमर, कंधे, गर्दन और शरीर के निचले भाग की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है जिससे बॉडी पोस्चर में सुधार होता है। जो लोग घंटों एक जगह बैठकर कार्य करते हैं उनके लिए काफी लाभकारी होता है।

3. मानसिक स्वास्थ्य के लिए वृक्षासन के फायदे

वृक्षासन या ट्री पोज के फायदे (tree pose benefits in hindi) मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे हैं। इसके नियमित अभ्यास से साधारण तनाव व चिंता दूर होती है और मन दिमाग शांत रहता है। मानसिक थकान दूर करने के लिए यह एक बेहतरीन योगासन है।

4. पैरों को मजबूती

वृक्षासन (tree pose) पैरों के लिए भी एक अच्छी एक्सरसाइज हैं। इसके नियमित अभ्यास से जांघ, घुटने, पिंडली व टखनों को मजबूती प्रदान होती हैं। शरीर को मजबूत बनाने के लिए पैरों का मजबूत होना बेहद जरूरी हैं जिसमें वृक्षासन काफी फायदेमंद होता हैं।

5. सहनशक्ति व एकाग्रता में वृद्धि

वृक्षासन के फायदे (vrikshasana ke fayde) की आगे बात करें तो यह सहनशक्ति व एकाग्रता बढ़ाने के लिए भी काफी उपयोगी होता हैं। इस आसन में पूरा ध्यान एक जगह केंद्रित रहता हैं और शरीर को थोड़ा कष्ठ भी सहन करना पड़ता हैं। एकाग्रता बढ़ाने के लिए यह कितना उपयोगी हैं इसका ज्ञान आपको इसके अभ्यास के कुछ समय बाद ही हो जाएगा।

6. शारीरिक फिटनेस के लिए वृक्षासन के लाभ

वृक्षासन (vrikshasana in hindi) के अभ्यास से आप अपने पेट, कमर, जांघ व हिप्स की मसल्स को भी सही आकार दे सकते हैं। इस आसन के अभ्यास से सबसे ज्यादा इन मसल्स पर भी असर पड़ता हैं जिससे ये मसल्स मजबूत और लचीली बनती हैं।

वृक्षासन करने का सही तरीका – How To Do Vrikshasana in Hindi

  • सबसे पहले योगा मैट पर सीधा खड़े हो जाए। कमर सीधी और पूरा शरीर एकदम टाइट होना चाहिए।
  • हाथों को कमर के पास रखें।
  • उसके बाद अपने दाहिने पैर को ऊपर उठाएं और घुटने को मोड़ते हुए पैर के तलवे को बाएं पैर की जांघ के ऊपर रखने की कोशिश करें।
  • अगर आप पैर जांघ तक न ला पाए तो भी कोई चिंता की बात नहीं  है, जहाँ तक संभव हो वहीं तक  ले जाएं।
  • अब लंबी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और नमस्कार मुद्रा बना लें।
  • इस बीच ध्यान रहे कि शरीर का संतुलन बना रहे और शरीर का पोस्चर भी न बिगड़ें।
  • अब आप वृक्षासन मुद्रा में हैं। इस मुद्रा में आप अपनी क्षमता अनुसार 30 सैकंड से लेकर 5 मिनट तक रह सकते हैं।
  • इस बीच सांसों पर ध्यान देते रहें।
  • अभी वृक्षासन का अभ्यास समाप्त नहीं हुआ है। इस प्रक्रिया को इसी तरह दाहिने पैर पर खड़े होकर भी दोहराएं।

बेगिनर्स के लिए वृक्षासन – Vrikshasana For Beginners in Hindi

  • अगर आप योग के छेत्र में नए हैं या पहली बार वृक्षासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप पहले कुछ दिन दीवार के सहारे इसका अभ्यास करें। यह वृक्षासन करने का आसान तरीका है और जब आप इसमें कंफर्टेबल महसूस करने लगे तब आप दीवार से दूर रहकर इसका अभ्यास कर सकते हैं।
  • वृक्षासन (tree pose in hindi) करते समय एक पैर के तलवे को दूसरे पैर की जांघ के ऊपर रखना होता हैं, लेकिन अगर आप से ऐसा न पाए तो शरीर के साथ किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें। आप से जहाँ तक संभव हो रहा हो, वही तक पैर के तलवे को ले जाएं।
  • इसी तरह वृक्षासन करते समय दोनों हाथों को सिर के ऊपर नमस्कार मुद्रा में रखना होता हैं, लेकिन आप अपने हाथों को छाती के पास भी नमस्कार मुद्रा में भी रख सकते हैं, यह आसान विधि हैं।
  • बेगिनर्स को पहले दिन ही इस आसन का ज्यादा अभ्यास नहीं करना चाहिए। बेहतर होगा कि आप इस आसन में रुकने का समय धीरे-धीरे बढ़ाये। शुरुआत में अगर आप एक मिनट तक भी इस आसन में रुक जाए तो भी काफी हैं।

वृक्षासन (Vrikshasana)से पहले कौन से योगासन करने चाहिए

वृक्षासन करने से पहले आप इन आसनों का भी अभ्यास कर सकते हैं।

वृक्षासन (Vrikshasana) के बाद कौन से योगासन करने चाहिए

वृक्षासन (tree pose) को मुख्य रूप से योग की शुरुआत में ही किया जाता हैं, इसे करने के बाद आप किसी भी तरह के अन्य योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। योग सत्र के अंत में शवासन का अभ्यास करना न भूले।

वृक्षासन की सावधानियां – Precautions of Vrikshasana in Hindi

  • अगर पैरों में किसी तरह की कोई गंभीर समस्या है तो इस आसन का अभ्यास न करें।
  • तेज घुटनों के दर्द में भी वृक्षासन का अभ्यास न करें।
  • तेज कमर दर्द या रीढ़ की हड्डी की गंभीर समस्या से जूझ रहे लोगों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
  • हाई और लॉ ब्लड प्रेसर के मरीजों को भी इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए, या फिर डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
  • माइग्रेन और अनिद्रा से पीड़ित व्यक्तियों को भी इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें।

वृक्षासन के नुकसान – Vajrasana Ke Nuksan

वृक्षासन के नुकसान की बात करें तो इसका की भी साइड इफेक्ट्स या नुकसान नहीं है। लेकिन जैसा की ऊपर बताया गया है कुछ शारीरिक समस्याओं में इसके अभ्यास से बचना चाहिए। खासकर तेज घुटने व कमर दर्द में इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। इसके अलावा हमेशा सही विधि से ही इसका अभ्यास करें।

वृक्षासन करने का सही समय – Vajrasana Karne Ka Sahi Time

वृक्षासन (tree pose) का अभ्यास हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए, भोजन के बाद इस आसन का अभ्यास न करें। बेहतर परिणाम के लिए आप इसका अभ्यास सुबह के समय कर सकते हैं। सुबह किसी खुली और शांत जगह पर आप इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं। साथ ही आप शाम के समय भी इसका अभ्यास कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ

Q. वृक्षासन कब करना चाहिए

Ans. वृक्षासन का अभ्यास सुबह खाली पेट करना चाहिए, श्याम के समय भी आप इसका अभ्यास कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे भोजन करने के कम से कम 3-4 घंटे बाद ही इसका अभ्यास करें।

Q. क्या वृक्षासन करने से पेट की चर्बी कम होती है

Ans. जी हाँ, पेट की चर्बी कम करने के लिए वृक्षासन का अभ्यास फायदेमंद होता है। लेकिन इसके अभ्यास के साथ-साथ अपने खानपान पर भी ध्यान दें।

Q. वृक्षासन किसे नहीं करना चाहिए

Ans. कमर,पैर और घुटनों के तेज दर्द से जूझ रहे लोगों को इसके अभ्यास से बचना चाहिए या फिर योग टीचर की देखरेख में ही इसका अभ्यास करना चाहिए।

Q. वृक्षासन करने करने के क्या फायदे है

Ans. यह शारीरिक संतुलन बनाने, शरीर के पोस्चर में सुधार करने, एकाग्रता बढ़ाने व तनाव दूर करने में सहायक होता है।

निष्कर्ष – Conclusion

वृक्षासन (vrikshasana in hindi) योग के कुछ अहम आसनों में से एक है जो शरीर के बैलेंस व पोस्चर को सुधारने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद करता है। इसके अभ्यास से आपका शरीर मुश्किल योगासनों के लिए भी तैयार होता है, इसलिए इसका अभ्यास अवश्य करें। उम्मीद है की वृक्षासन के फायदे और नुकसान से संबंधित यह जानकारी आपको पसंद आई होगी।

इस लेख में हमने वृक्षासन के फायदे (vrikshasana benefits in hindi), इसकी विधि, सावधानियां व वृक्षासन के नुकसान के बारे में जाना। यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, हमें आपके सवालों का जवाब देने में खुशी होगी। साथ ही योग व स्वास्थ्य से जुड़ी इसी तरह की जानकारियों के लिए आप इजी लाइफ हिंदी के अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। इजी लाइफ हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है, इस तरह के किसी भी उपचार, दवा, डाइट इतियादी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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