सेतुबंधासन के लाभ Setu Bandhasana Benefits in Hindi | योगासन का सही विधि से नियमित अभ्यास कई प्रकार की शारिरिक व मानसिक समश्याओं से छुटकारा दिला सकता हैं। वैसे तो हर योगासन का अपना कोई न कोई लाभ हैं, लेकिन कुछ योगासन ऐसे भी हैं जिनके अभ्यास से शरीर के प्रतेक अंग को लाभ प्राप्त होता हैं। सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) ऐसे ही कुछ योगासनों में से एक हैं। इसके नियमित अभ्यास से मोटापा, कमर दर्द, पेट की गैस व कब्ज जैसी अनेकों बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं।
सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana benefits in hindi) प्राप्त करने के लिए इसका सही तरीके से अभ्यास भी बेहद जरूरी हैं। सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) उन योगासनों में से हैं जिसके गलत अभ्यास से शरीर को भारी नुकसान पंहुच सकता हैं, खासकर इसके गलत अभ्यास से कमर व रीढ़ की हड्डी को क्षति पहुंच सकती हैं। योगासन या एक्सरसाइज किसी भी प्रकार की हो, उसका सही विधि से अभ्यास बेहद जरूरी होता हैं।
इजी लाइफ हिंदी के इस लेख में हम सेतुबंधासन के लाभ (setu bandhasana ke fayde), सेतु बंधासन करने का तरीका व सेतु बंधासन योग में बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जनेंगे। साथ ही इस आसन से जुड़ी कुछ जरूरी चीजों के बारे में भी जनेंगे।
- सेतु बंधासन क्या हैं | Setu Bandhasana in Hindi
- सेतु बंधासन के फायदे | Setu Bandhasana Benefits in Hindi
- सेतुबंधासन अन्य के लाभ | Benefits Of Setu Bandhasana In Hindi
- सेतुबंधासन करने की विधि | Setu Bandhasana Steps in Hindi
- सेतु बंधासन योग में बरती जाने वाली सावधानियां
- सेतु बंधासन से पहले कौन से आसन करें
- सेतु बंधासन के बाद कौन से आसन करें
- सेतु बंधासन योग करने का सही समय क्या हैं
- सेतु बंधासन वीडियो
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सेतु बंधासन क्या हैं | Setu Bandhasana in Hindi
सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) संस्कृत भाषा के तीन सब्द सेतु, बंध और आसन से मिलकर बना हैं। जिसमें “सेतु” का अर्थ पुल (ब्रिज), बंध का अर्थ “बांधना” और “आसन” का अर्थ योग मुद्रा से हैं। इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर का आकार किसी पुल या ब्रिज की तरह दिखाई देता हैं, इसलिए इसे यह नाम दिया गया हैं। कुछ लोग इसे सेतु बंध सर्वांगासन के नाम से भी जानते हैं, जबकि अंग्रेजी में इसे ब्रिज पोज (Bridge Pose) भी कहा जाता हैं।
स्वास्थ्य के लिहाज से सेतु बंधासनएक बेहतरीन आसन हैं। सेतुबंधासन के लाभ (setu bandhasana benefits in hindi) की बात की जाए तो इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार में सुधार होता हैं, कमर में लचीलापन आता हैं, पेट की अतिरिक्त चर्बी कम होती हैं और पाचन क्रिया में सुधार होता हैं। साथ ही इसके अनेकों लाभ हैं जिनके बारे में हम आगे जनेंगे।
सेतु बंधासन के फायदे | Setu Bandhasana Benefits in Hindi

1. कमर व रीढ़ की हड्डी के लिए लाभप्रद
सेतु बंधासन (setu bandhasana yoga in hindi) के अभ्यास से कमर और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं। यह उन लोगों के लिए एक बेहतरीन योगासन हैं जो घंटो एक जगह बैठकर कार्य करते हैं व जिनके कमर में हल्का दर्द रहता हैं। इसके नियमित अभ्यास से कमर की मांसपेशियों व रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता हैं, कमर की जकड़न दूर होती हैं व कमर दर्द में आराम मिलता हैं।
2. थायरॉयड के लिए सेतुबंधासन के फायदे
सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana benefits in hindi) थायरॉयड जैसी गंभीर बीमारी के लिए भी बेहद अच्छे हैं। थायरॉयड की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती हैं, गलत खानपान, ज्यादा तनाव व बढ़ती उम्र इसके कुछ मुख्य कारण हैं। सेतु बंधासन के नियमित अभ्यास से थायरॉयड ग्रंथि सक्रिय रहती हैं जिससे थायरॉयड संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता हैं। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी सही खानपान हैं इसलिए योगासन के साथ-साथ अपने खानपान का भी विशेष ध्यान दें।
3. पेट की चर्बी कम करने में सहायक
पेट की बढ़ती चर्बी से आजकल हर दूसरा व्यक्ति परेशान हैं और यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही हैं। ऐसे में पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासन का नियमित अभ्यास काफी लाभकारी हो सकता हैं। अगर एक सही डाइट के साथ नियमित योगाभ्यास किया जाए तो आसानी से कुछ ही महीनों में पेट की चर्बी को कम किया जा सकता हैं। पेट की चर्बी कम करने के लिए भी सेतुबंधासन के लाभ बेहतरीन हैं, इसके अभ्यास से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता हैं जिससे पेट की अतिरिक्त चर्बी कम होने लगती हैं।
4. मेटाबोलिज्म में सुधार करे
स्वास्थय के लिए मेटाबॉलिज्म का सही से कार्य करना बेहद जरूरी होता हैं। मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने का कार्य करता हैं। कमजोर मेटाबॉलिज्म के कारण शरीर में थकान, मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द, वजन बढ़ना जैसी अनेकों समस्याएं हो सकती हैं। मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाने के लिए योग बेहद फायदेमंद होता हैं, आप सेतु बंधासन जैसे योगासनों (setu bandhasana in hindi) की मदद से मेटाबॉलिज्म को बेहतर बना सकते हैं।
5. पाचन के लिए सेतु बंधासन के लाभ
सेतु बंधासन का अभ्यास पाचन तंत्र के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। इसके नियमित अभ्यास से पाचन शक्ति मजबूत होती हैं जिससे खाया-पिया शरीर में लगने लगता हैं, पेट स्वस्थ रहता हैं और भोजन से प्राप्त पोषक तत्व भी शरीर को सही से प्राप्त होने लगते हैं। पाचन तंत्र के लिए सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana benefits in hindi) आपको तभी प्राप्त होंगे जब आप इसके साथ-साथ अपने खानपान का भी ध्यान देंगे।
6. मांसपेसियों के लिए सेतु बंधासन योग के फायदे
सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) के अभ्यास से पेट, कमर, छाती, कंधे, गर्दन, जांघ व कूल्हों की मांसपेशियों पर सबसे ज्यादा जोर पड़ता हैं जिससे यह मांसपेशियां लचीली व मजबूत बनती हैं। अगर आप इस आसन का अभ्यास पहली बार करेंगे तो हो सकता हैं कुछ दिन आपकी मांसपेशियों में दर्द रहे, लेकिन आप इस दर्द से घबराये न और नियमित इसका अभ्यास करें। कुछ दिन के अभ्यास के बाद मांसपेशियों का यह दर्द अपने आप ही दूर होने लगेगा।
7. मानसिक समश्याओं के लिए फायदेमंद
मानसिक रोगों के लिए भी सेतुबंधासन के लाभ (benefits of setu bandhasana in hindi) बेहतरीन हैं। इसके नियमित अभ्यास से मन शांत रहता हैं, तनाव व चिंता कम होती हैं, शरीर की थकान दूर होती हैं और शरीर में ताजगी बनी रहती हैं। अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोगों को भी सेतु बंधासन का अभ्यास करने की सलाह दी जाती हैं, इसके अभ्यास से नींद में सुधार होता हैं।
सेतुबंधासन अन्य के लाभ | Benefits Of Setu Bandhasana In Hindi
- पेट की विभिन्न समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी, अपच व कब्ज के लिए भी सेतुबंधासन के लाभ अच्छे हैं।
- इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों को मजबूती मिलती हैं और फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
- प्रजनन अंगों के लिए भी सेतुबंधासन के फायदे अच्छे हैं।
- इसके अभ्यास से महिलाओं को पीरियड्स में होने वाले दर्द में भी कुछ राहत मिलती हैं।
- रक्त संचार में सुधार के लिए सेतुबंधासन फायदेमंद होता हैं।
सेतुबंधासन करने की विधि | Setu Bandhasana Steps in Hindi
सेतुबंधासन के लाभ (setu bandhasana ke fayde) प्राप्त करने के लिए जरूरी हैं की आप इसका अभ्यास सही विधि से करें। निचे हम सेतुबंधासन करने का तरीका बता रहे हैं।
- सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी सांसो की गति को सामान्य करें।
- अब अपने घुटनों को मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं, जितना करीब आप लें पाएं और अपने हाथों को बगल में रखें।
- सांस अंदर लेते हुए हाथों से जमीन पर दबाव डालकर कूल्हों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस बीच पैर जमीन पर ही टिके होने चाहिए, कमर को जितना ऊपर उठा सके उतना ही उठाने की कोशिश करें, किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
- आप अपने दोनों हाथों को आपस में जोड़ सकते हैं या फिर हाथों से कमर को थोड़ा सहारा भी दे सकते हैं।
- इस मुद्रा में थोड़ी देर रुकने की कोशिश करें और इस बीच सांस लेते और छोड़ते रही।
- अंत में धीरे धीरे इस मुद्रा से बाहर आ जाये और थोड़ी देर विश्राम करें।
- इसी तरह आप इसे 2-3 बार दोहरा सकते हैं।
सेतु बंधासन योग में बरती जाने वाली सावधानियां
सेतु बंधासन योग (setu bandhasana in hindi) में बरती जाने वाली सावधानियां इस प्रकार हैं।
- सेतुबंधासन करते समय शरीर के साथ किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
- पेट दर्द, अल्सर व पेट से जुडी किसी प्रकार की गंभीर समस्या में इस आसन का अभ्यास न करें।
- गंभीर पीठ दर्द, गर्दन दर्द व घुटनों के दर्द में भी इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को किसी योग विशेषज्ञ की देख-रेख में भी सेतु बंधासन का अभ्यास करना चाहिए।
- भोजन करने के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास न करें।
सेतु बंधासन से पहले कौन से आसन करें
सेतु बंधासन करने से पहले इन योगासन का अभ्यास भी जरूर करें।
सेतु बंधासन के बाद कौन से आसन करें
सेतु बंधासन करने के बाद किए जाने वाले आसन इस प्रकार हैं।
- बालासन
- सर्वांगासन
- उष्ट्रासन
- शवासन
सेतु बंधासन योग करने का सही समय क्या हैं
योग अभ्यास के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त माना जाता हैं। सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) का अभ्यास भी आप सुबह के समय कर सकते हैं। सुबह किसी खुली और स्वच्छ जगह का चुनाव करके आप सेतु बंधासन का अभ्यास कर सकते हैं। साथ ही आप शाम के समय भी इसका अभ्यास कर सकते हैं, ध्यान रहे की भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें। भोजन करने के 4-5 घंटे बाद ही इसका अभ्यास करें।
इजी लाइफ हिंदी के इस लेख में हमने सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana benefits in hindi), सेतु बंधासन करने का सही तरीका, सेतु बंधासन योग में बरती जाने वाली सावधानियां व कुछ जरूरी चीजों के बारे में जाना। उम्मीद हैं की आपको यह लेख पसंद आया होगा। योग व लाइफ स्टाइल से जुड़ी इसी तरह की जानकारियों के लिए आप हमारे अन्य लेख भी पढ़ सकते हैं।
सेतु बंधासन के लाभ प्राप्त करने के लिए अपने खानपान के ऊपर भी पूरा ध्यान दें। बिना खानपान पर ध्यान दिए आपको इसके पूर्ण लाभ नहीं मिल सकते हैं।
सेतु बंधासन वीडियो
Video : VENTUNO YOGA
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. सेतुबंधासन योग की पोजीशन में कितनी देर रहना चाहिए
Ans. आप अपनी क्षमतानुसार 15 सेकंड से लेकर 60 सेकंड तक सेतुबंधासन योग की पोजीशन में रह सकते हैं। ज्यादा देर तक रुकने के लिए शरीर के साथ किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती न करें, इससे शरीर को चोट भी पहुँच सकती है।
Q. क्या रात को इसका अभ्यास कर सकते हैं
Ans. रात को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए, सुबह का समय इसके अभ्यास का सबसे अच्छा समय होता है, जबकि शाम के समय भी इसका अभ्यास किया जा सकता है। साथ ही ध्यान रहे की इस आसन का अभ्यास खाली पेट या भोजन करने के 4-5 घंटे बाद ही करना चाहिए।
Q. क्या सेतुबंधासन करने से मोटापा कम होता है
मोटापे के लिए सेतुबंधासन का अभ्यास बेहद लाभकारी होता है। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और पाचन में सुधार करने का कार्य करता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है, साथ ही इस आसान के अभ्यास से पेट के आसपास की मसल्स पर भी खिंचाव पड़ता है जिससे पेट की चर्बी कम होती है। लेकिन इसके साथ-साथ अपने खानपान पर भी जरूर ध्यान दें।
Q. क्या गर्भवती महिलाएं इसका अभ्यास कर सकती है
Ans. जी नहीं, गर्भवती महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को किसी भी योगासन का अभ्यास योग विशेषज्ञ की देखरेख में भी करनी चाहिए।
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