सेतु बंधासन के लाभ, विधि व सावधानियां | Setu Bandhasana Benefits in Hind

setu bandhasana benefits in hindi : आजकल कम शारीरिक गतिविधि व गलत खानपान के कारण बहुत से लोग मोटापा, कमर दर्द, गर्दन दर्द व पाचन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए और शरीर को फिट व स्वस्थ रखने के लिए योगाभ्यास जरूरी हो जाता है। सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) की मदद से आप अपनी फिटनेस में सुधार कर सकते हैं। साथ ही कमर दर्द, मोटापा, पेट की गैस व थायरॉयड जैसी समस्याओं के लिए भी सेतु बंधासन के लाभ (setu bandhasana ke fayde) अच्छे हैं।

सही विधि से नियमित सेतु बंधासन करने से पेट में जमा अतिरिक्त वसा कम होती है, कमर में लचीलापन आता है, जांघों व कूल्हों की मसल्स खुलती हैं और साथ ही इससे थायरॉयड ग्रंथि को सक्रीय करने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा भी सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana benefits in hindi) की एक लंबी लिस्ट है। सबसे अच्छी बात है की इसका अभ्यास ज्यादा कठिन नहीं हैं, कुछ बातों का ध्यान रखकर आप आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं।

सेतु बंधासन आपके फिटनेस लेवल को अगले स्तर तक ले जा सकता है, इससे बॉडी फ्लेक्सिबल होती है जिससे आपका शरीर मुश्किल योगासनों के लिए भी तैयार होता है, इसलिए आपको इसका अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इस आर्टिकल में आगे हम सेतु बंधासन के लाभ, विधि, सावधानियां व नुकसान (setu bandhasana in hindi) के बारे में जानेंगे।

सेतु बंधासन क्या है – Setu Bandhasana in Hindi

setu bandhasana in hindi

सेतु बंधासन (setu bandhasana) संस्कृत भाषा के तीन सब्द सेतु, बंध और आसन से मिलकर बना है। जिसमें “सेतु” का अर्थ पुल (ब्रिज), “बंध” का अर्थ बांधना और “आसन” का अर्थ योग मुद्रा से है। इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर का आकार पुल या ब्रिज की तरह दिखाई देता है, जिस वजह से इसे यह नाम दिया गया है।

जबकि कुछ लोग इसे ब्रिज पोज (bridge pose) व सेतु बंध सर्वांगासन (setu bandha sarvangasana) भी कहते हैं। यह एक बेसिक लेवल का आसन है जिसे आप आसानी से कर सकते हैं। आगे हम इसके अभ्यास की विधि जानेंगे, लेकिन सबसे पहले सेतु बंधासन के फायदे जान लेते हैं।

सेतु बंधासन के फायदे व लाभ – Setu Bandhasana Benefits in Hindi

setu bandhasana benefits in hindi

1. कमर व रीढ़ को मजबूत बनाए

सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) करने से कमर की मांसपेशियां व रीढ़ अच्छी तरह स्ट्रेच होती हैं। यह घंटों एक जगह बैठे रहने, लेटे रहने या खड़े होने के कारण कमर में होने वाले दबाव को कम करता है। यदि कमर में हल्का दर्द है तो यह उसे भी दूर करने में मदद करता है। यदि नियमित सही विधि से सेतु बंधासन का अभ्यास किया जाए तो यह कमर और रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाने में काफी मदद कर सकता है।

2. तनाव कम करे

मानसिक शांति के लिए भी सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana benefits in hindi) अच्छे हैं। यह डिप्रेशन, तनाव व चिंता को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है। इसके अलावा जो लोग अनिद्रा से परेशान रहते हैं, उनके लिए भी यह काफी सहायक होता है। यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है, जिससे भी तनाव व चिंता जैसी समस्यांए कम होती हैं।

3. फेफड़ों को स्वस्थ रखें

सेतु बंधासन फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। यह फेफड़ों को खोलने में मदद करता है। इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता में इजाफा होता है जिससे वह बेहतर तरीके से कार्य करते हैं। इस आसन की मदद से फेफड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

4. थायरॉयड के लिए सेतु बंधासन के फायदे

सेतु बंधासन के फायदे (setu bandhasana ke fayde) थायरॉयड के लिए भी अच्छे हैं। थायरॉयड की समस्या ज्यादातर महिलाओं में देखने को मिलती है। गलत खानपान, ज्यादा तनाव व बढ़ती उम्र इसके कुछ मुख्य कारण हैं। सेतु बंधासन के नियमित अभ्यास से थायरॉयड ग्रंथि सक्रिय रहती है जिससे थायरॉयड संबंधी समस्याओं का खतरा कम होता है। हालांकि इसके लिए सही खानपान भी जरूरी होता है।

5. पेट की चर्बी कम करे

सेतु बंधासन मोटापा कम करने में भी मददगार होता है। इसके अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पड़ता है जिससे पेट और पेट के आसपास जमा अतिरिक्त वसा कम होती है। साथ ही यह कमर, कूल्हों व जांघों की चर्बी कम करने में भी मदद करता है। इसलिए पेट की चर्बी कम करने के योगासन में सेतु बंधासन को जरूर शामिल करना चाहिए।

6. मेटाबॉलिज्म में सुधार करे

मेटाबॉलिज्म यानी चयापचय शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने का कार्य करता है। कमजोर मेटाबॉलिज्म के कारण शरीर में थकान, मांसपेशियों व हड्डियों में दर्द, वजन बढ़ना जैसी अनेकों समस्याएं हो सकती हैं। मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाने के लिए योग बेहद फायदेमंद होता है, आप सेतु बंधासन जैसे योगासनों की मदद से मेटाबॉलिज्म को बेहतर बना सकते हैं।

7. पाचन के लिए सेतु बंधासन के लाभ

नियमित सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) के अभ्यास से पाचन में भी सुधार होता है। यह पाचन अंगों की मालिश करता है जिससे पाचन शक्ति मजबूत होती है और पेट से जुड़ी कई समस्याओं जैसे गैस, एसिडिटी, अपच व कब्ज में लाभ मिलता है। योग पाचन को मजबूत करने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन साथ ही इसके लिए अपने खानपान पर भी अवश्य ध्यान दें।

8. मांसपेशियों को मजबूत बनाए

सेतु बंध सर्वांगासन के अभ्यास से पेट, कमर, छाती, कंधे, गर्दन, जांघ व कूल्हों की मांसपेशियों पर सबसे ज्यादा खिंचाव पड़ता है जिससे यह मांसपेशियां लचीली व मजबूत बनती है। अगर आप इस आसन का अभ्यास पहली बार करेंगे तो हो सकता है कुछ दिन आपकी मांसपेशियों में दर्द रहे, लेकिन आप इस दर्द से घबराए न और नियमित इसका अभ्यास करें। कुछ दिन के अभ्यास के बाद मांसपेशियों का यह दर्द अपने आप ही दूर होने लगेगा। 

9. त्वचा के लिए सेतु बंध सर्वांगासन के फायदे

सेतु बंध सर्वांगासन (setubandhasana in hindi) के अभ्यास से चेहरे की ओर ब्लड फ्लो तेज होता है जिस वजह से चेहरे की त्वचा को भी इसका भरपूर लाभ मिलता है। इससे चेहरे पर लालिमा व निखार तो बढ़ता ही है। साथ ही त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण भी कम होते हैं और चेहरे पहले से जवां और खूबसूरत लगता है।

10. बालों के लिए फायदेमंद

त्वचा के साथ-साथ बालों की हेल्थ के लिए भी सेतु बंध सर्वांगासन काफी लाभप्रद होता है। सिर की ओर ब्लड फ्लो बढ़ने से बालों को भरपूर पोषण मिलता है और बाल मजबूत होते हैं। साथ ही इससे बालों का झड़ना, टूटना व सफेद होना जैसी समस्याओं में लाभ मिल सकता है।

11. यौन शक्ति बढ़ाए

सेतुबंधासन के लाभ (setu bandhasana benefits in hindi) की आगे बात करें तो यह पुरुषों की यौन शक्ति बढ़ाने में भी मदद करता है। सेतुबंधासन का उपयोग आजकल कीगल एक्सरसाइज में भी किया जाता है। कीगल एक्सरसाइज पेल्विक मांसपेशियों को स्ट्रेच करने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करती हैं जिससे यौन क्षमता में वृद्धि होती है और कई यौन समस्याओं में लाभ मिलता है।

12. महिलाओं के लिए सेतुबंधासन के लाभ

सेतुबंधासन महिलाओं के लिए भी एक काफी उपयोगी आसन है। इसके अभ्यास से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से काफी आराम मिलता है साथ ही यह मेनोपॉज के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है।

सेतुबंधासन करने का तरीका व विधि – Setu Bandhasana Steps in Hindi

  • सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपनी सांसो की गति को सामान्य करें।
  • अब अपने घुटनों को मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं, जितना करीब आप लें पाएं और अपने हाथों को बगल में रखें।
  • सांस अंदर लेते हुए हाथों से जमीन पर दबाव डालकर कूल्हों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
  • इस बीच पैर जमीन पर ही टिके होने चाहिए, कमर को जितना ऊपर उठा सके उतना ही उठाने की कोशिश करें, किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
  • आप अपने दोनों हाथों को आपस में जोड़ सकते हैं या फिर हाथों से कमर को थोड़ा सहारा भी दे सकते हैं।
  • इस मुद्रा में थोड़ी देर रुकने की कोशिश करें और इस बीच सांस लेते और छोड़ते रही।
  • अंत में धीरे धीरे इस मुद्रा से बाहर आ जाये और थोड़ी देर विश्राम करें।
  • इसी तरह आप इसे 2-3 बार दोहरा सकते हैं।

सेतु बंधासन योग में बरती जाने वाली सावधानियां 

  • सेतुबंधासन करते समय शरीर के साथ किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
  • पेट दर्द, अल्सर व पेट से जुडी किसी प्रकार की गंभीर समस्या में इस आसन का अभ्यास न करें।
  • गंभीर पीठ दर्द, गर्दन दर्द व घुटनों के दर्द में भी इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को किसी योग विशेषज्ञ की देख-रेख में भी सेतु बंधासन का अभ्यास करना चाहिए।
  • भोजन करने के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास न करें।

सेतु बंधासन (setubandhasana) से पहले कौन से आसन करें

सेतु बंधासन करने से पहले इन योगासन का अभ्यास भी जरूर करें।

सेतु बंधासन (setubandhasana) के बाद कौन से आसन करें

सेतु बंधासन करने के बाद किए जाने वाले आसन इस प्रकार हैं।

सेतु बंधासन (setubandhasana) करने का सही समय

योग अभ्यास के लिए सुबह का समय सबसे उपयुक्त माना जाता हैं। सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) का अभ्यास भी आप सुबह के समय कर सकते हैं। सुबह किसी खुली और स्वच्छ जगह का चुनाव करके आप सेतु बंधासन का अभ्यास कर सकते हैं। साथ ही आप शाम के समय भी इसका अभ्यास कर सकते हैं, ध्यान रहे की भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें। भोजन करने के 4-5 घंटे बाद ही इसका अभ्यास करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQs

Q. सेतुबंधासन योग की पोजीशन में कितनी देर रहना चाहिए

Ans. आप अपनी क्षमतानुसार 15 सेकंड से लेकर 60 सेकंड तक सेतुबंधासन योग की पोजीशन में रह सकते हैं। ज्यादा देर तक रुकने के लिए शरीर के साथ किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती न करें, इससे शरीर को चोट भी पहुँच सकती है।

Q. क्या रात को इसका अभ्यास कर सकते हैं

Ans. रात को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए, सुबह का समय इसके अभ्यास का सबसे अच्छा समय होता है, जबकि शाम के समय भी इसका अभ्यास किया जा सकता है। साथ ही ध्यान रहे की इस आसन का अभ्यास खाली पेट या भोजन करने के 4-5 घंटे बाद ही करना चाहिए।

Q. क्या सेतुबंधासन करने से मोटापा कम होता है

मोटापे के लिए सेतुबंधासन का अभ्यास बेहद लाभकारी होता है। मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और पाचन में सुधार करने का कार्य करता है जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है, साथ ही इस आसान के अभ्यास से पेट के आसपास की मसल्स पर भी खिंचाव पड़ता है जिससे पेट की चर्बी कम होती है। लेकिन इसके साथ-साथ अपने खानपान पर भी जरूर ध्यान दें।

Q. क्या गर्भवती महिलाएं इसका अभ्यास कर सकती है

Ans. जी नहीं, गर्भवती महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को किसी भी योगासन का अभ्यास योग विशेषज्ञ की देखरेख में भी करनी चाहिए।

निष्कर्ष – Conclusion

सेतु बंधासन (setu bandhasana in hindi) योग के सरल आसनों में से एक है आप आसानी से इसका अभ्यास कर सकते हैं। यह आसन शरीरिक व मानसिक थकान को दूर करने और बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाने में काफी मदद करता है। इसके अभ्यास से आप मोटापा, कमर दर्द, तनाव व चिंता जैसी कई समस्याओं से दूर रह सकते हैं। इसलिए इसे अपने योग सेशन में जरूर शामिल करें।

उम्मीद है की सेतु बंधासन के लाभ व फायदे (setu bandhasana benefits in hindi) से संबंधित यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं और इसी तरह की जानकारियों के लिए इजी लाइफ हिंदी के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

Disclaimer : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या डॉक्टरी सलाह का विकल्प नहीं हो सकता। इजी लाइफ हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है, इस तरह के किसी भी उपचार, दवा, डाइट इतियादी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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