Balasana benefits in hindi : बालासन या चाइल्ड पोज (child pose) योग का एक बेहतरीन आसन हैं, इसके अभ्यास से थकान और तनाव दूर होता हैं और शरीर को आराम मिलता हैं। साथ ही हल्के कमर दर्द में भी बालासन का अभ्यास लाभकारी होता हैं। बालासन (balasana in hindi) की खास बात हैं कि यह एक बेहद आसान योगासन हैं और हर उम्र के लोग इसका अभ्यास कर सकते हैं। योग की शुरूआत करने वाले लोगों के लिए भी बालासन एक अच्छा आसन हैं।
लेकिन बालासन (balasana in hindi) के अभ्यास के दौरान कुछ बातों का ध्यान भी अवश्य रखा जाना चाहिए जिससे बालासन के लाभ (balasana ke fayde) सही से प्राप्त हो सके। इस आर्टिकल में हम बालासन क्या हैं, बालासन के फायदे (balasana benefits in hindi), बालासन करने का सही तरीका और सावधानियों के विषय में जनेंगे।
बालासन (चाइल्ड पोज) क्या हैं | Balasana in Hindi
- बालासन (चाइल्ड पोज) क्या हैं
- बालासन (चाइल्ड पोज) करने के फायदे
- बालासन कैसे करें | बालासन करने की विधि
- बालासन का वीडियो
- बालासन से पहले कौन-से आसन करें
- बालासन के बाद कौन-से आसन करें
- बालासन योग में सावधानियां – Precautions of Balasana (Child Pose)
- बालासन कितनी देर करना चाहिए?
- बालासन करने का सही समय क्या हैं?
- निष्कर्ष – Conclusion
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ
बालासन (balasana) संस्कृत भाषा के दो शब्द बाल और आसन से मिलकर बना हैं जिसमे “बाल” का अर्थ बच्चा और “आसन” का अर्थ बैठने की मुद्रा हैं। इस आसन में शरीर का आकार ठीक उस स्थिति में आ जाता हैं जिसे बच्चा मां के गर्भ में होता हैं। जिस वजह से इसे बालासन यानी बालक के समान मुद्रा का नाम दिया गया हैं। जबकि कुछ लोग इसे चाइल्ड पोज (child’s pose in hindi) के नाम से भी जानते हैं।
बालासन (balasana) का अभ्यास करने से कमर, पेट, जांघ, कंधे व कूल्हों की मांसपेसियों पर खिंचाव पड़ता हैं जिससे ये मांसपेशियां मजबूत होती हैं। साथ ही इसके अभ्यास से मस्तिष्क की ओर रक्त संचार बढ़ता हैं जिससे स्मरण शक्ति तेज होती हैं और तनाव दूर होता हैं। बालासन के फायदे (balasana benefits in hindi) और बालासन करने की विधि (balasana karne ka tarika) जानने के लिए आगे पढ़ें।
बालासन (चाइल्ड पोज) करने के फायदे | Balasana Benefits in Hindi

बालासन (balasana in hindi) शरीर को आराम और शांति प्रदान करने वाला आसन हैं। इसका अभ्यास एक्सरसाइज व योग के पहले, बीच और बाद किया जाता हैं। साथ ही इसका अभ्यास किसी भी समय किया जा सकता हैं, केवल भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। आगे हम बालासन करने के फायदे (child pose benefits in hindi) बता रहे हैं।
1. थकान दूर करने के लिए बालासन योग के फायदे
बालासन को विश्राम करने की मुद्रा के नाम से भी जाना जाता हैं। इसके अभ्यास से शरीर की थकान दूर होती हैं और शरीर को आराम मिलता हैं। जब भी किसी काम या वर्कआउट करने के बाद आपको थकान महसूस हो तब आप थोड़ी देर बालासन मुद्रा में बैठ सकते हैं इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
2. तनाव कम करने के लिए बालासन के फायदे
बालासन के फायदे (balasana benefits in hindi) शारीरिक थकान दूर करने के साथ-साथ मानसिक थकान यानि तनाव दूर करने के लिए भी अच्छे हैं। इसके अभ्यास से दिमाग को शांति प्राप्त होती हैं, मन में चल रहे नकरात्मक विचार दूर होते हैं और गुस्सा भी शांत होता हैं। डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए यह एक बेहतरीन और बेहद फायदेमंद योगासन हैं।
3. कमर दर्द के लिए चाइल्ड पोज के फायदे
एक जगह ज्यादा देर बैठे रहने या लेटे रहने, भारी समान उठाने या किसी अन्य कारण से होने वाले हल्के कमर दर्द के लिए भी बालासन का अभ्यास बेहद लाभकारी (balasana ke labh) होता हैं। इसके अभ्यास से कमर व पीठ की मांसपेसियों व हड्डियों को आराम मिलता हैं जिससे कमर दर्द में राहत मिलती हैं। साथ ही इसके नियमित अभ्यास से कमर दर्द की शिकायत कभी नहीं होती।
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4. पेट के अंदरूनी अंगों के लिए फायदेमंद
बालासन करने के फायदे (balasana ke fayde) पेट और पेट के अंदरूनी अंगों के लिए भी अच्छे हैं। इसके अभ्यास से पेट के अंदरूनी अंगों की मालिश होती हैं और यह अंग सही से कार्य करते हैं, जिस वजह से पेट की विभिन्न समश्याओं में आराम मिलता हैं। साथ ही पेट की कब्ज के लिए भी यह काफी उपयोगी आसन हैं और इसके अभ्यास से सुबह पेट अच्छी तरह साफ होता हैं। हालांकि पेट की समश्याओं के लिए खानपान पर ध्यान देना भी जरूरी होता हैं।
5. मांसपेसियों के लिए बालासन के फायदे
बालासन के फायदे (balasana benefits in hindi) की आगे बात करें तो इसके नियमित अभ्यास से पेट, कमर, कंधे, जांघ व कूल्हों की मांसपेसियों पर खिंचाव पड़ता हैं जिससे ये मांसपेशियां मजबूत होती हैं और इनमें लचीलापन आता हैं। साथ ही बालासन के अभ्यास से वर्कआउट के कारण मांसपेसियों में होने वाले दर्द में भी राहत मिलता हैं।
6. मस्तिष्क के लिए बालासन के लाभ
बालासन की मुद्रा में पूरा शरीर नीचे की ओर झुका रहता हैं और सिर जमीन से टच रहता हैं। इस वजह से रक्त संचार सिर की ओर बढ़ता हैं और इसका लाभ मस्तिष्क को भी प्राप्त होता हैं। मस्तिष्क तक ब्लड अच्छी तरह पंहुचने से मस्तिष्क से सभी अंग सही से कार्य करते हैं और मस्तिष्क स्वस्थ रहता हैं। साथ ही बालासन के अभ्यास से (balasana ke fayde) स्मरण शक्ति भी सही रहती हैं।
7. त्वचा के लिए बालासन करने के फायदे
सुंदरता के लिए योगासन में बालासन (balasana in hindi) का नाम सबसे पहले आता हैं। इसके अभ्यास से चेहरे की ओर ब्लड फ्लो बढ़ता हैं जिससे चेहरे पर ग्लो आता हैं और चेहरे की कुछ आम समश्याओं जैसे कील-मुंहासे, झाइयां, झुर्रियां आदि से छुटकारा मिलता हैं।
चेहरे का ग्लो बढ़ाने के लिए कुछ लोग महंगे-महंगे स्किन प्रोड्क्टस का इस्तेमाल करते हैं जो स्किन को केवल कुछ समय के लिए बाहर से अच्छा दिखाते हैं, जबकि स्किन को अंदर से हेल्दी बनाने के लिए योग, एक्सरसाइज व खानपान सबसे ज्यादा जरूरी होता हैं।
8. शरीर में ऊर्जा बढ़ाने में सहायक
शरीर में एनर्जी बढ़ाने के लिए योग बेहद फायदेमंद माना जाता हैं, इसमें बालासन का नाम भी शामिल हैं। बालासन के अभ्यास से शरीर की थकान और मन में चल बुरे विचार दूर होते हैं जिससे दिमाग फ्रेश होता हैं, मांसपेशियों को आराम मिलता हैं, शरीर में एनर्जी बढ़ती हैं और शरीर दिनभर फुर्तीला रहता हैं।
9. बेगिनर्स के लिए लाभकारी
योग की शुरुआत करने वालों के लिए भी बालासन एक अच्छा आसन हैं, यह एक सरल योगासन हैं जिसका अभ्यास किसी भी उम्र का व्यक्ति आसानी से कर सकता हैं। साथ ही इसके अभ्यास से शरीर में लचीलापन भी बढ़ता हैं जिससे अन्य आसन करने में फायदा मिलता हैं। साथ ही बेगिनर्स के लिए बालासन के फायदे भी बेहद शानदार हैं। अगर आपने अभी तक योग की शुरुआत नहीं की हैं तो आप वज्रासन, बालासन व ताड़ासन जैसे आसान योगासनों से योग की शुरुआत कर सकते हैं।
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10. अनिद्रा के लिए चाइल्ड पोज के फायदे
बालासन या चाइल्ड पोज करने का एक बेहतरीन लाभ (benefits of balasana in hindi) हैं की इसके अभ्यास से अनिद्रा यानि नींद न आने की समस्या भी दूर होती हैं। इसके लिए आप रात का भोजन समय से कर लें और हल्का भोजन ही करें। कोशिश करें की रात का भोजन सोने से 2-3 घंटे पहले कर लें। अब सोने से पहले वज्रासन और बालासन का अभ्यास करें, इससे शरीर को आराम मिलेगा और अच्छी नींद आएगी।
बालासन कैसे करें | बालासन करने की विधि | Balasana Karne ka Tarika
बालासन (balasana in hindi) या चाइल्ड पोज की सही विधि इस प्रकार हैं।
- बालासन करने के लिए सबसे पहले एक स्वच्छ और शांत जगह का चुनाव करें।
- उसके बाद जमीन पर योगा मैट बिछाकर वज्रासन पोजीशन में बैठ जाएं।
- ध्यान रहे कि पैरों की दोनों एड़ियां आपस में एक दूसरे को छू रही हो।
- अब कूल्हों की मदद से धीरे-धीरे नीचे की ओर झुकें।
- माथे को जमीन पर टिका लें और हाथों को आगे की ओर सीधा जमीन पर रखें।
- इस पोजीशन में कुछ देर रुकने की कोशिश करें और उसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
बालासन का वीडियो
बालासन योग को सही से समझने के लिए आप नीचे दिया गया विडीओ भी देख सकते हैं।
Video : Lifealth
बालासन से पहले कौन-से आसन करें
बालासन (balasana) एक आराम की मुद्रा हैं इसका अभ्यास आप सीधा कर सकते हैं, यानि बालासन से ही आप योग की शुरुआत कर सकते हैं। इससे पहले आपको किसी आसन के अभ्यास की जरुरत नहीं हैं, बस इसके अभ्यास से पहले आप बॉडी को थोड़ा स्ट्रेच कर लें।
बालासन के बाद कौन-से आसन करें
बालासन (child pose) का अभ्यास आप किसी भी योगासन के बाद कर सकते हैं। शीर्षासन के बाद बालासन का अभ्यास बेहद जरूरी माना जाता हैं। साथ ही बालासन के बाद शवासन करके आप योग सेशन का अंत कर सकते हैं।
बालासन योग में सावधानियां – Precautions of Balasana (Child Pose)
बालासन योग में ये कुछ सावधानियां भी अवश्य बरतनी चाहिए।
- भोजन के तुरंत बाद बालासन योग का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- बिना योगा मैट या चटाई बिछाए किसी सख्त जगह पर इसका अभ्यास न करें।
- गर्भवती महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- पेट दर्द, दस्त व अल्सर जैसी बीमारी में इसका अभ्यास न करें।
- गंभीर कमर दर्द व रीढ़ की हड्डी की चोट में किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इसका अभ्यास करें।
- तेज घुटनों के दर्द से पीड़ित लोग भी इसका अभ्यास न करें।
बालासन कितनी देर करना चाहिए?
बालासन (balasana yoga in hindi) का अभ्यास आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही करें, इसके अभ्यास में किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें। सामान्यतः 30 सेकंड से लेकर 3 मिनट तक बालासन मुद्रा में रहा जा सकता हैं। लेकिन बालासन में ठहरने की अवधि आपको धीरे-धीरे ही बढ़ानी चाहिए। शुरुआत में आप 30 सेकंड इसमें रुकने की कोशिश करें और उसके बाद धीरे-धीरे आसन में रुकने का समय बढ़ाते जाएं।
बालासन करने का सही समय क्या हैं?
बालासन (child pose in hindi) का अभ्यास आप किसी भी समय कर सकते हैं, इसके अभ्यास से पहले आपको सिर्फ एक बात का ध्यान रखना हैं की भोजन के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें, इसके अलावा आप किसी भी समय जब आपको जरुरत हो तब इसका अभ्यास कर सकते हैं। भोजन करने से 3-4 घंटे बाद जब भोजन पूरी तरह से पच जाए तभी इसका अभ्यास करना चाहिए।
निष्कर्ष – Conclusion
बालासन (balasana in hindi) मेरे पसंदीदा आसनों में से एक हैं और इसके अभ्यास के बाद काफी रिलेक्स फील होता हैं। साथ ही इसके अभ्यास से पेट भी स्वस्थ रहता हैं और शरीर में ऊर्जा का विकास होता हैं। बालासन के कई अन्य लाभ भी हैं जिनका अहसास आपको इसके अभ्यास के बाद ही हो सकता हैं।
उम्मीद हैं की अब आप बालासन के फायदे (balasana benefits in hindi), बालासन करने का तरीका (balasana karne ka tarika) और सावधानियों के बारे में अच्छी तरह जान चुके होंगे। योग और लाइफस्टाइल से जुडी इसी तरह की अन्य जानकारियों के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल भी पढ़ सकते हैं और हमारे साथ फेसबुक व इंस्टाग्राम में भी जुड़ सकते हैं। साथ ही आप इस आर्टिकल को अन्य लोगों के साथ भी शेयर कर सकते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल – FAQ
Q. बालासन करने के क्या फायदे हैं
Ans. बालासन करने से शारीरिक और मानसिक थकान दूर होती है, तनाव कम होता है, हल्के कमर दर्द में आराम मिलता है और पेट स्वस्थ रहता है।
Q. क्या इसका अभ्यास रात के समय कर सकते हैं
Ans. रात को सोने से पहले इसका अभ्यास कर सकते हैं, इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होगा, लेकिन ध्यान रहे की भोजन करने के 2-3 घंटे बाद ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
Q. इसका अभ्यास किसे नहीं करना चाहिए
Ans. तेज कमर दर्द, पेट दर्द, दस्त, अल्सर व घुटनों के दर्द से पीड़ित व्यक्ति को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए। या फिर किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इसका अभ्यास करना चाहिए।
Q. क्या 10 साल के बच्चे इसका अभ्यास कर सकते हैं
Ans. जी हाँ, बिल्कुल कर सकते हैं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह फायदेमंद योगासन है।
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