Paschimottanasana benefits in hindi : पश्चिमोत्तानासन बैठकर किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण योगासनों में से एक है। इसका अभ्यास लगभग सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। पश्चिमोत्तानासन के फायदे (paschimottanasana ke fayde) की बात करें तो यह रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने, पेट की चर्बी कम करने, कमर और जांघो की मसल्स को मजबूत बनाने व पाचन क्रिया में सुधार करने में सहायक होता हैं, साथ ही इसके कई अन्य लाभ भी हैं।
लेकिन पश्चिमोत्तानासन के लाभ (benefits of paschimottanasana) प्राप्त करने के लिए इसका सही तरीके से अभ्यास करना भी जरूरी हैं। इसके गलत अभ्यास से कमर और रीढ़ की हड्डी से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।
स्वास्थय के लिहाज से पश्चिमोत्तानासन के फायदे (paschimottanasana benefits in hindi) जबरदस्त हैं, इसमें कोई शक की बात नहीं हैं लेकिन इस आसन के लाभ आपको तभी प्राप्त हो सकते हैं जब आप इसका अभ्यास सही तरीके और सही विधि से करेंगे। गलत तरीके से किया गया अभ्यास कमर को मूर्छित कर सकता हैं, साथ ही इससे अन्य नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए पश्चिमोत्तानासन करने की सही विधि (paschimottanasana steps in hindi) आपको अवश्य पता होनी चाहिए।
इजी लाइफ हिंदी के इस आर्टिकल में हम आपको पश्चिमोत्तानासन योग के फायदे (paschimottanasana ke fayde), पश्चिमोत्तानासन करने का सही तरीका (paschimottanasana steps in hindi), सावधानियां और पश्चिमोत्तानासन से जुड़ी सभी जानकारियां बता रहे हैं। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
पश्चिमोत्तानासन क्या है | Paschimottanasana in Hindi

पश्चिमोत्तानासन बैठकर किया जाने वाला एक योगासन हैं। यह मुख्यतः दो शब्दों “पश्चिम” और “उत्तानासन” से मिलकर बना हैं। जिसमे पश्चिम का अर्थ – पश्चिम दिशा या शरीर के पिछले हिस्से से हैं और उत्तानासन का अर्थ – खींचना हैं। शरीर में खिंचाव के लिए पश्चिमोत्तानासन (paschimottanasana in hindi) को सबसे अच्छा योगासन माना जाता हैं। अंग्रेजी मे इसे Seated Forward Bend Yoga Pose के नाम से भी माना जाता हैं।
पश्चिमोत्तानास के फायदे | Paschimottanasana Benefits in Hindi
पश्चिमोत्तानास के कई सारे शारिरिक और मानसिक लाभ हैं। चूंकि इस आसन के अभ्यास से पूरे शरीर के अंगो का खिंचाव होता हैं, इसलिए इसका लाभ शरीर के सभी अंगों को मिलता हैं। पश्चिमोत्तानास के फायदे इस प्रकार हैं।
1. रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद
पश्चिमोत्तासन योग के नियमित अभ्यास से रीढ़ की हड्डी लचीली व मजबूत बनती हैं। इस आसन के अभ्यास के दौरान रीढ़ की हड्डी पर सबसे ज्यादा खिंचाव पड़ता हैं जिस वजह से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं। साथ ही हमेशा ध्यान दें कि सही तरीके से ही इस आसन का अभ्यास करें, गलत तरीके से अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता हैं।
2. कमर और पीठ दर्द लिए लाभप्रद
पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana benefits in hindi) कमर व पीठ की मांसपेसियों के लिए भी अच्छे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगर सही तरीके से इस आसन का नियमित अभ्यास किया जाये तो कमर व पीठ दर्द की शिकायत से बचा जा सकता हैं। यह आसन कमर की हड्डियों व मांसपेसियों को मजबूत बनाता हैं जिस वजह से कमर मजबूत होती हैं। साथ ही जिन लोगों को हल्का कमर दर्द रहता हो, उन्हें भी पश्चिमोत्तासन के लाभ प्राप्त होते हैं।
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3. पेट की चर्भी कम करने में सहायक
पेट की बढ़ती चर्बी आज के समय मे सबसे बड़ी समस्या हैं। पेट की बढ़ती चर्बी जहां एक ओर पर्सनाल्टी पर बुरा असर डालती हैं, तो वहीं दूसरी ओर कई बीमारियों की मुख्य वजह भी होती हैं। पेट की बढ़ती चर्बी या मोटापा कम करने के लिए भी पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana ke fayde) अच्छे हैं। अन्य योगासनों के साथ इसके नियमित अभ्यास से पेट की बढ़ती चर्बी पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं।
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4. मांसपेशियों के लिए लाभकारी
पश्चिमोत्तासन योग (paschimottanasana in hindi) के नियमित अभ्यास से पेट, कमर, हाथ, कंधे, जांघ व कूल्हों की मांसपेसियों पर खिंचाव पड़ता हैं जिससे ये मांसपेशियां मजबूत होती हैं। अगर आप इस आसन का अभ्यास पहली बार कर रहे हैं तो कुछ दिन आपकी मांसपेसियों में दर्द भी रह सकता हैं, लेकिन यह दर्द कुछ समय के लिए ही होता हैं और धीरे-धीरे अपने आप ठीक होने लगता हैं। आपको इस दर्द से घबराना नहीं हैं और पश्चिमोत्तासन का अभ्यास छोड़ना नहीं हैं।
5. शरीर को लचीला बनाने में सहायक
पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana benefits in hindi) की आगे बात करें तो यह शरीर को लचीला बनाने में भी काफी सहायक होता हैं। जैसे-जैसे आप इस आसन का अभ्यास करते रहेंगे वैसे-वैसे आपके शरीर का लचीलापन भी बढ़ता जाएगा। शायद शुरूआत में आप इस आसन में बैठकर अपने हाथों से अपने पैरों की उंगलियों को छू भी न पाएं। लेकिन अभ्यास करते रहने से जल्दी ही आप ऐसा कर पाने में सक्षम हो जाएंगे।
6. पाचन तंत्र के लिए पश्चिमोत्तानास के लाभ
पाचन तंत्र के लिए भी पश्चिमोत्तासन के लाभ (paschimottanasana ke labh) बेहद अच्छे हैं। अन्य आसनों के साथ पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से पाचन क्रिया में सुधार होता हैं जिससे भोजन सही से पचता हैं और भोजन से प्राप्त पोषक तत्व शरीर को सही से मिलने लगते हैं। खाया-पिया शरीर मे सही से लगे और शरीर रोगों से दूर रहे इसके लिए पाचन तंत्र का मजबूत रहना बेहद जरूरी होता हैं।
7. तनाव और चिंता दूर करने में सहायक
पश्चिमोत्तासन (paschimottanasana in hindi) तनाव व चिंता जैसी मानसिक बीमारियों को दूर करने में भी सहायक होता हैं। इस आसन के अभ्यास से मस्तिष्क की ओर ब्लड का फ्लो बढ़ता हैं जिससे मस्तिष्क को फायदा मिलता हैं। साथ ही शारिरिक थकान दूर करने के लिए भी पश्चिमोत्तासन काफी सहायक होता हैं। इस आसन के अभ्यास के बाद शरीर और मस्तिष्क दोनों को आराम मिलता हैं, जिस कारण तनाव कम होता हैं और मूड फ्रेश रहता हैं।
8. अनिद्रा के लिए पश्चिमोत्तानास के फायदे
पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana benefits in hindi) उन लोगों के लिए भी अच्छे हैं जिन्हें रात को जल्दी नींद नहीं आती। इस आसन के अभ्यास से नींद में सुधार होता हैं और रात को नींद अच्छी आती हैं। योग की मदद से अनिद्रा की समस्या में लाभ होता हैं यह बात कई शोधों में भी सिद्ध हो चुकी हैं।
9. पेट की परेशानियों के लिए फायदेमंद
पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से पेट भी स्वस्थ रहता हैं और पेट से जुड़ी ज्यादातर समश्याएं दूर होती हैं। पेट की कब्ज, गैस, एसिडिटी व अपच के लिए पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana ke fayde) बेहतरीन हैं। ज्यादातर बीमारियों की मुख्य वजह पेट की परेशानियां ही होती हैं, ऐसे में अगर अन्य योगासनों के साथ नियमित पश्चिमोत्तासन का अभ्यास किया जाए तो पेट की बीमारियों पर काबू पाकर आप अपने शरीर को फिट व स्वस्थ रख सकते हैं।
10. चेहरे का ग्लो बढ़ाने में सहायक
आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिमोत्तासन (paschimottanasana yoga in hindi) के अभयास से चेहरे का ग्लो भी बढ़ता हैं। दरअसल, इस आसन के अभ्यास से शरीर मे रक्त संचार बढ़ता हैं और चेहरे तक रक्त अच्छी तरह पहुंचता हैं जिस वजह से चेहरे पर प्राकृतिक निखार बढ़ता हैं, चेहरे की झुर्रियां कम होती हैं और चेहरे से जुड़ी कई समश्याएं ठीक होती हैं।
पश्चिमोत्तासन कैसे करें | पश्चिमोत्तासन की विधि | Paschimottanasana Steps in Hindi
- जमीन पर योगा मैट बिछाकर पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाये।
- दोनों पैर आपस मे सटे होने चाहिए और घुटने एकदम सीधा होने चाहिए।
- कमर और गर्दन को भी एकदम सीधा रखें।
- अब लंबी सांस ले और अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाये।
- उसके बाद सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और अपने हाथों से पैरों की उंगलियां छूने की कोशिश करें।
- अगर माथे को घुटनों से टच कर पाए तो ऐसा करें, नहीं तो जहाँ तक झुक पा रहे हो वहीं तक झुकने की कोशिश करें।
- इस बीच आपके घुटने, कमर और गर्दन एकदम सीधी होनी चाहिए।
- इस अवस्था में कुछ देर रूकने की कोशिश करें और इस बीच सांस लेते और छोड़ते रहे।
- अंत में धीरे-धीरे हाथों को ऊपर उठाकर प्रारंभिक अवस्था में आ जाये।
बेगिनर्स के लिए पश्चिमोत्तासन | Paschimottanasana For Beginners in Hindi
शुरुआती अभ्यास के दौरान जबरदस्ती माथे को घटनों पर लगाने की कोशिश न करें। ऐसा करने में थोड़ा समय लगता हैं और नियमित अभ्यास के बाद ही ऐसा किया जा सकता हैं। आपसे जहाँ तक संभव हो वहीं तक झुके, जबरदस्ती करने पर रीढ़ की हड्डी मूर्छित हो सकती हैं।
अगर आपके हाथ पैरों को न छू पा रहे हो तो भी कोई समस्या नहीं हैं। आप इसमें भी किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें। इस आसन का अभ्यास करते रहने से कमर और पैरों की मांसपेशियां लचीली होती हैं जिससे आप कुछ समय बाद ऐसा करने में समर्थ हो जाएंगे। शुरुआत में आपके हाथ जहाँ तक भी पहुंचे वही पर रुकने की कोशिश करें।
पश्चिमोत्तासन योग में सावधानी | Precautions for Paschimottanasana in Hindi
पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana ke labh) और विधि जानने के बाद अब इस आसन की कुछ सावधानियों के बारे में भी जान लेते हैं। इस आसन को करने से पहले इन बातों का अवश्य ध्यान रखें।
- गंभीर कमर दर्द से जूझ रहे लोगों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- घुटनों व जोड़ों के दर्द से जूझ रहे लोगों को भी पश्चिमोत्तासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को यह योगासन नहीं करना चाहिए।
- दमा, अल्सर, सिर दर्द, पेट दर्द व दस्त की समस्या में भी पश्चिमोत्तासन नहीं करना चाहिए।
- किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी में योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस आसन का अभ्यास करना चाहिए।
- भोजन करने के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास कभी न करें।
- पश्चिमोत्तासन के अभ्यास से पहले थोड़ी बॉडी स्ट्रेचिंग अवश्य करें।
- इस आसन को करते समय किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें।
पश्चिमोत्तासन से पहले कौन से आसन करें
पश्चिमोत्तासन (seated forward bend yoga pose in hindi) के अभ्यास से पहले आपको थोड़ी बहुत स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए। साथ ही आप यह योगासन भी कर सकते हैं।
1. बालासन (Child’s Pose)
3. दंडासन (Staff Pose)
4. वीरभद्रासन 1 और 2 (Warrior Pose 1 &2)
पश्चिमोत्तासन के बाद कौन से आसन करें
पश्चिमोत्तासन के बाद कमर को आराम देने के लिए आप बालासन और पवन्मुक्तनसन कर सकते हैं, साथ ही अंत मे शवासन करना न भूले।
पश्चिमोत्तासन करने का सही समय क्या हैं
पश्चिमोत्तासन (paschimottanasana pose in hindi) के अभ्यास का सबसे सही समय सुबह का सही समय हैं। आप सुबह पार्क, घर की छत या किसी खुली जगह पर इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं। साथ ही आप शाम के समय भी इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं। ध्यान रहे कि भोजन के तुरंत बाद पश्चिमोत्तासन का अभ्यास न करें। भोजन के 4 से 5 घंटे बाद ही शाम को इसका अभ्यास करें।
निष्कर्ष
पश्चिमोत्तासन एक बेहतरीन योगासन हैं और इसके अनेकों स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन इस आसन के अभ्यास में कुछ जरूरी सावधानियां भी अवश्य बरतनी चाहिए और सही विधि से इसका अभ्यास करना चाहिए। उम्मीद हैं कि इजी लाइफ हिंदी या यह आर्टिकल पश्चिमोत्तासन के फायदे (paschimottanasana benefits in hindi) आपको पसंद आया होगा और इससे आपको कुछ अच्छी जानकारी मिली होगी।
पश्चिमोत्तासन करने का तरीका जानने के लिए आप नीचे दिया गया वीडियो भी देख सकते हैं।
पश्चिमोत्तासन का वीडियो
{ Video Credit : The Art of Living }
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